जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एसआईटी की जांच पर भरोसा न होने और सीबीआई की जांच सिर्फ देश और प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप योगी आदित्यनाथ पर लगाया है। पार्टी के नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री से पांच सवाल भी किए हैं जिनका जवाब सूबे के मुखिया देंगे या नहीं देखते हैं ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कल हाथरस के पीड़ित परिजनों से मुलाकात के दौरान उनकी जो मुख्य मांग है कि घटना की न्यायिक जांच कराई जाए, ऐसे में कांग्रेस पार्टी उनके द्वारा उठाये गये पांचों सवालों पर पूरी मजबूती के साथ खड़ी है और सम्पूर्ण घटना की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराये जाने की मांग करती है।
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कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’ ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि हाथरस की दलित बेटी के साथ हुई दुःखद घटना और बेटी को न्याय दिलाने के लिए मीडिया की जो सकारात्मक भूमिका रही है वह प्रशंसनीय है।
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उन्होने हाथरस की दलित बेटी के साथ हुए अत्याचार का पूरा विवरण देते हुए स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाये। जब उस बेटी के परिजन शव मांगने के लिए दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल में प्रशासन से गुहार लगा रहे थे और पुलिस ने शव को गायब करके रात्रि में 2.30 बजे जला दिया तथा पीड़िता के गांव में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया। यहां तक कि मीडिया को भी नहीं जाने दिया गया।
कल जब राहुल और प्रियंका पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने गये तो उन्होने पांच मांगें रखीं- जिसमें पहली मांग इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरी मांग हाथरस के डीएम को बर्खास्त किया जाए। तीसरी मांग पीड़ित परिवार यह जानना चाहता है कि बिना परिवार की अनुमति के उनकी बेटी का शव रात्रि में क्यों जलाया गया? चौथा सवाल बार-बार पीड़ित परिवार को क्यों डराया धमकाया जा रहा है। पांचवां और अंतिम सवाल कि मृतका के पिता ने कहा है कि जो चिता जली है उससे वह फूल चुनकर लाये हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि यह फूल उनकी ही बेटी के हैं या किसी और की। इन पांचों सवालों का जवाब प्रदेश के मुख्यमंत्री को देना ही होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है जिस तरह यूपी महिला अपराधों में नम्बर एक है उससे स्पष्ट है कि उप्र जंगलराज में तब्दील हो गया है। उन्होने कहा कि हाथरस की बेटी न्याय के लिए गुहार लगा रही थी, इलाज के लिए विलख रही थी उसका परिवार न्याय के लिए सरकार से गुहार लगा रहा था पर निष्ठुर योगी सरकार उस बेटी को न्याय और चिकित्सा दे नहीं पायी उल्टे उस बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने वाले लेागों का दमन करना शुरू कर दिया।
योगी सरकार के अकर्मण्य प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी 20 दिनों बाद यह जान पाये कि देश का एक-एक नागरिक, महिलाएं हाथरस की बेटी के न्याय के लिए सड़क पर संघर्षरत हैं। प्रदेश सरकार जांच पर जांच और छोटी मोटी कार्यवाही करके जनता को गुमराह नहीं कर सकती। कल पीड़िता से मिलने जाते समय राहुल जी और प्रियंका जी के साथ की गयी अभद्रता कांग्रेस नेताओं के साथ अभद्रता नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों भारतीयों की भावनाओं पर कुठाराघात है।
उन्होने आगे कहा कि मैनपुरी की नवोदय विद्यालय की छात्रा हो, कानपुर में संजीत यादव, यूपीएससी की सीबीआई जांच कराये जाने की सिफारिश हो, यह सभी जांचें अभी तक केन्द्र में लम्बित है। उन्होने कहा कि योगी जी देश को गुमराह कर रहे हैं लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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सीबीआई की सिफारिश और स्वीकृति होना दोनों अलग-अलग विषय हैं। गठित एसआईटी टीम में तमाम दागी अधिकारी हैं जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं। जिस एसआईटी टीम के सदस्यों की खुद जांच चल रही है ऐसे में उनकी जांच पर कोई विश्वास नहीं करेगा। इसलिए इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज की देखरेख में न्यायिक जांच कराई जाए।
उन्होने कहा कि बुलन्दशहर, बलरामपुर, हरदोई की बेटियों के साथ जो हुआ है वह पीड़ादायक है। उन्होने पूर्व की रेप और हिंसा की विभिन्न घटनाओं का हवाला देते हुए कि आखिर उप्र में यह सब कब तक चलता रहेगा। उन्होने कहाकि आज आखिर महिला आयोग, राज्यपाल पूरे मामले में चुप क्यों हैं। उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि आपसे सरकार नहीं संभल रही है, इस्तीफा दीजिए और गोरखपुर जाइये।
बता दें कि हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरे कांग्रेस द्वारा आज भी प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन किया गया। गोरखपुर में हाथरस के डीएम की बर्खास्तगी को लेकर बड़ा मार्च निकाला गया। सोनभद्र, आजगढ़, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखीमपुरखीरी, हरदोई, बाराबंकी, बहराइच, गोण्डा, कुशीनगर, फैजाबाद, देवरिया, अम्बेडकरनगर, वाराणसी, बस्ती, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, जालौन, कानपुर देहात सहित प्रदेश के सभी जनपदों में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया गया।
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