न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले ही लोकभवन में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
हालांकि यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सीएम योगी की चेतावनी से डर नहीं लगता है इसका ताजा उदाहरण बरेली में देखने को मिला, जहां एक मां अपनी नवजात बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल ले कर आई थी लेकिन डॉक्टरों उसका इलाज करने से मना कर दिया, जिसके बाद उस बच्ची की मौत हो गई।
गंभीर रूप से बीमार 5 दिन की इस बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता को निलंबित कर दिया है। इसी मामले में जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ अलका शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार बीमार बच्ची को लेकर उसके पिता जिला अस्पताल पहुंते तो वहां बाल रोग विशेषज्ञ होने के बाद भी उसका इलाज न कर उसे महिला अस्पताल भेज दिया गया। महिला अस्पताल में भी बच्ची का इलाज नहीं किया गया और उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया। इस दौरान बच्ची के पिता डॉक्टरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। करीब 3 घंटे दोनों अस्पतालों के बीच आने-जाने के दौरान बच्ची ने दादी की गोद में ही दम तोड़ दिया था।
लड़की की मां सुषमा ने कहा, ‘मेरी बेटी चार दिन पहले सातवें महीने में समय से पहले पैदा हुई थी। वह दूध नहीं पी रही थी। लोगों ने मुझे उसे अस्पताल में भर्ती कराने कहा। जब हम अस्पताल के एक डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने मुझे महिला वार्ड में जाने को कहा। जब मैं वहां गई, तो उन्होंने कहा कि कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं था।’ सुषमा ने यह भी आरोप लगाया कि लड़की के मरने से पहले वह अस्पताल में इधर-उधर 3 घंटे तक भटकने के लिए मजबूर किया गया।
महिला विभाग प्रमुख अलका शर्मा ने दोहराया कि जब पीड़िता ने उनसे मुलाकात की तो कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं था। हमारे पास केवल चार बिस्तर हैं जिन पर आठ बच्चे हैं।
दूसरी ओर निलंबित डॉ कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता ने कहा, ‘मैंने साफ आदेश दिए हैं कि सभी रोगियों को भर्ती किया जाना चाहिए। वह अस्पताल में भटकती रही, लेकिन आपातकालीन वार्ड में नहीं गई। अगर वह वहां गई होती, तो हम लड़की को बचा लेते।’
फिर भी जमे है CMS
निलंबित डॉ कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता को शासन के आदेश के बाद भी कुर्सी पर देखा गया। जांच अधिकारी / निदेशक चिकित्सा एव स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा उस आदेश की अवहेलना करते हुए दिखाई दिये। योगी के निर्देश और शासन के आदेश के बाद उच्च अधिकारियों की कृपा से आज भी वे कुर्सी पर विराजमान दिखे और वित्तीय कार्य निपटाते रहे।