जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पिछले एक साल से देश भर में किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मोदी सरकार अब तक तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन आज पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा, ”आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।
इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”
मोदी की इस घोषणा के बाद किसान नेताओं से लेकर विपक्ष दलों के नेताओं तक की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि गुरू पर्व पर प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर ऐतिहासिक काम किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री जी द्वारा वापस लिए जाने का मैं उत्तरप्रदेश शासन की ओर से हॄदय से स्वागत करता हूँ।
हम सब जानते हैं कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे,आज गुरुपर्व पर प्रधानमंत्री जी ने लोकतंत्र में संवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हुए,तीनो कृषि कानून को वापस लेकर जो ऐतिहासिक कार्य किया है,मैं उसके लिए उनके इस कदम का स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ।
उन्होंने ने कहा कि शुरू से ही इस सम्बंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था को इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस तरह के कानून महत्वपूर्ण भूमिका तय कर सकते हैं।
लेकिन उस सबके बावजूद कतिपय किसान संगठन इस के विरोध में आये तो सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया, ये हो सकता है कि हम लोगो की तरफ से कोई कमी रह गई होगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि हम उन लोगो को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे,जिसके बाद उन्हें आंदोलन के रास्ते आगे बढ़ना पड़ा था, लेकिन लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए,तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने, और एमएसपी को भी लेकर एक समिति के गठन करने का हम प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हैं, साथ ही गुरुपर्व की की शुभकामनाएं देते है।