न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव निपटते ही भारतीय जनता पार्टी का संगठन और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव बेहतर प्रदर्शन करने के लिए विकास और हिंदुत्व के एजेंडे पर एक साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा चुनाव को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार रोजगार, किसान और कानून व्यवस्था पर भी लगातार काम कर रही है।
संगठन ने पार्टी की जमीन मजबूत बनाने की कार्ययोजना के साथ सदस्यता अभियान और बूथों पर समीकरण साधने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, राज्य सरकार हिंदुत्व के सांस्कृतिक सरोकारों के एजेंडे के साथ भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति को परवान चढ़ाने में जुट गई है।
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का पूरा ध्यान नई योजनाएं शुरू करने पर था तो अब वह इन्हें जमीन पर उतारने में जुट गई हैं। योगी सरकार उन योजनाओं पर खास ध्यान दे रही है जो जनसरोकार से जुड़े हैं, जिससे जनता के अंदर सरकार को लेकर विश्वास उत्पन्न हो।
इसके अलावा बीजेपी सरकार नई योजनाओं के साथ-साथ पुरानी को ठीक से क्रियान्वित करने पर सरकार का ज्यादा जोर है। रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में भी काम शुरू किए जा रहे हैं। काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विंध्याचल धाम के विकास का फैसला किया गया है।
प्रयागराज में कुंभ के भव्य आयोजन, अयोध्या में दिवाली, वाराणसी मे देव दीपावली और बरसाना में होली के सहारे हिंदुत्व के सरोकारों पर काम का संदेश देने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार इस एजेंडे पर आगे बढ़ रहे हैं। अयोध्या के दीपोत्सव की तर्ज पर मथुरा में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने का फैसला इसका ताजा प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने न सिर्फ मथुरा और ब्रज सहित समूचे ब्रजमंडल का विकास कराने की योजना बनान का निर्देश दिया है। साथ ही इस बात का आदेश दिया है कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को भव्यता देने के लिए मथुर को रंगीन एलईडी लाइटों से सजया जाए और पूरे नगर की सफाई कराई जाए। इसके अलावा कावंड़ यात्रा को कुंभ की तरह भव्य बनाने के लिए सभी जिले के जिलाधिकारियों को विशेष निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री का 26 से 27 जुलाई को कांवड़ यात्रा निकालने वालों पर पुष्पवर्षा करने का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है।
वहीं, राम मंदिर को लेकर भी बीजेपी और योगी सरकार लगातार बयान बाजी कर रही है। भले ही श्रीराम जन्मभूमि का मामला कोर्ट में हो और इसकी वजह से सरकार के हाथ बंधे हो, लेकिन प्रतीकों के जरिए वह लगातार हिंदुत्व के एजेंडे पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर रही है। अयोध्या में श्रीराम की भव्य व ऊंची प्रतिमा लगाने की योजना को जमीन पर उतारने का काम शुरू कर दिया गया है।
पिछले महीने मुख्यमंत्री ने अयोध्या शोध संस्थान में कोदंड धनुष धारी भगवान राम की सात मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण और गुरुनानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर कर्नाटक के बीदर गुरुद्वारा से निकली जागृति यात्रा का इसी सप्ताह अपने आवास पर स्वागत करके भी उन्होंने यहीं संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी प्राथमिकताएं तय हैं। इसी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री रविवार को पौराणिक महत्व संबंधी परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
इसके अलावा सीएम योगी ने 2022 के ध्यान में रखते हुए सरकार की योजनाओं के नतीजों पर ध्यान केंद्रीत कर दिया है। विभागीय मंत्रियों और अफसरों के साथ जहां उन्होंने अब तक हुए कामों की समीक्षा की तो बचे हुए कामों को पूरा करने का समय भी तय किया है। कुछ विभागों को 2020 और मार्च 2021 तथा कुछ को दिसबंर 2021 तक काम पूरे करने का कहा गया है।
योजनाओं में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद मंडलों के दौरे शुरू किए हैं। भ्रष्टाचार पर शिकांजा कसने के लिए कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम शुरू कराने की भी तैयारी है। इसी महीने के अंत 70,000 करोड़ रुपए की निवेश योजनाओं का शिलान्यास प्रस्तावित है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नए अध्यक्ष की नियुक्ति कर भर्तियां की साफ-सुथरी प्रक्रिया शुरू करने का संदेश दिया गया है। कई और विभागों की नौकरियों के लिए भर्तिया की प्रकिया शुरू की गई है। गो वंशो के लिए गो आयोग को निर्देश दिया गया है। साथ ही मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए गाय को लाने ले जाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देने का आदेश दिया है।