प्रमुख संवाददाता
लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. व्यवसाय करने वालों की कमर टूट गई है. लॉक डाउन खत्म होने के बाद देश में सबसे बड़ा संकट बेरोजगारी का ही खड़ा होने वाला है. इसी बात के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को यह निर्देश जारी किया है कि अगले छह महीनों के भीतर 15 लाख लोगों के रोज़गार की ठोस कार्य योजना तैयार करें. उन्होंने सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा दीन दयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना आदि विभागों से कहा है कि वह रोज़गार पैदा करने और अर्थव्यवस्था के सामने आ रही चुनौती का सामना करने को तैयार रहें. मनरेगा के माध्यम से रोजगारों का सृजन करें.
सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा है कि युवाओं को युवा हब के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोज़गार दिए जाएँ. युवाओं को मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दिलाकर उनके लिए रोज़गार का रास्ता खोला जाए. लॉक डाउन खत्म होने के बाद युवाओं के लिए लोन मेले आयोजित किये जाएं. बैंकों से समन्वय बनाकर ग्राहक सेवा केन्द्रों के माध्यम से भी युवाओं के सम्बन्ध में योजनाएं तैयार की जाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राथमिक स्कूलों की यूनीफार्म और स्वेटर बनाने का प्रशिक्षण देकर महिला स्वयंसेवी समूहों को सिलाई और स्वेटर बनाने की मशीनें दे दी जाएं ताकि तमाम लोगों के रोज़गार की व्यवस्था की जा सके. इसी तरह से खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों का संचालन किया जाए. सोलर लूम स्थापित कर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी उद्योग को मज़बूत कर लोगों को रोज़गार दिया जा सकता है. फूलों की खेती, इत्र व धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देकर लोगों को रोज़गार से जोड़ा जा सकता है.