न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बेईमान अफसरों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। सीएम योगी भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का एलान करते हुए कहा कि ईमानदारी से काम न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है।
सचिवालय प्रशासन विभाग के कामकाज की समीक्षा कर रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार के बेईमान व भ्रष्ट अधिकारियों के लिए दो टूक शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि इन्हें तत्काल वीआरएस दे दीजिए। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों की गतिविधियां संदिग्ध हैं और जिनके विरूद्ध शिकायतें दर्ज हैं उनकी सूची तैयार की जाए।
इसके अलावा सीएम ने न्यायालयों से जुड़े मामलों का तुरंत समाधान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें मेरिट के आधार पर समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्थाई व आउटसोर्स कर्मियों का मानदेय समय से नहीं मिल पा रहा है। उन्हें तत्काल वेतन दिया जाए। आउटसोर्सिंग कर्मियों के रुके हुए वेतन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गलती एक करता है और पूरी सरकार को कठघरे में खड़ा होना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्य पद्धति सुधारने के भी निर्देश दिये। सीएम योगी ने इ-ऑफिस की कार्य प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि दो साल के बाद भी शत-प्रतिशत कार्य क्यों नहीं हो पाया है? उन्होंने अधिकारियों को इ-ऑफिस की व्यवस्था को तेज गति से पूरा करने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने अधिकारियों को सही समय पर निर्णय लेने और सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये। बैठक के दौरान रिक्त पदों की भर्ती के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती योग्यता के अनुसार शीघ्र ही की जाए। इस अवसर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल के साथ विभाग के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता में दोबार लौटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी अभी तक कुल 27 वरिष्ठ अफसरों को नियम 56 के अनुसार जबरन रिटायरमेंट दे दिया है।
क्या है नियम 56?
दरअसल, रूल 56 कहता है कि सरकार ऐसे अधिकारियों को हटा सकती है जो 50 साल से ज्य़ादा हो। ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट किया जा सकता है। यह नियम पहले से लागू है।