गिरीश तिवारी
सबका साथ सबका विकास का नारा अब “सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास” है और इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करते ही अपने पुराने नारे और एक नया आयाम दे दिया है। जाहिर है इस “विश्वास” के जरिये वे भाजपा की उस छवि से निजात पाने की कोशिस में हैं , जिसकी वजह से अल्पसंख्यकों में एक डर का माहौल रहता रहा है।
लेकिन अल्पसंख्यकों के भरोसे को जीतने की कोशिश में भाजपा “हिंदुत्व” को बैक सीट पर रख दे ये शायद मुमकिन नहीं , क्योंकि ये भी सच है कि मोदी की वापसी में हिंदुत्व के बढ़ाते असर की एक बड़ी भूमिका रही है।
बंगाल में भाजपा को विस्तार देने में लगे अमित शाह की प्यूरी रणनीति ही सांप्रदायिक विभाजन की बुनियाद पर है और मिशन बंगाल का नारा भी ” जय श्रीराम जय महाकाली” इसकी पुष्टि भी करता है।
अब यूपी की योगी सरकार के ऊपर एक नजर डालें तो ये बहुत साफ़ हो जाएगा कि विकास के एजेंडे के साथ ” हिंदुत्व” किस तरह आगे बढ़ रहा है।
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लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश को बड़ी जीत दिलाने मे अहम भूमिका निभाने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अब 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं। योगी की धार्मिक सक्रियता और यूपी में विकास कार्यों की योजनाओं को देखकर साफ जाहिर है कि आगामी चुनाव में यूपी सीएम विपक्ष को कोई मौका देने के मूड में नहीं हैं।
जानकारों की माने तो संघ हमेंशा से हिंदुत्व के साथ-साथ विकास की राजनीति को आगे बढ़ाने के पक्ष में रहा है। इस रणनीति के तहत केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार लगातार काम भी कर रही है। आम चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक रहे सीएम योगी ने विकास और हिंदुत्व के एजेंडे को साथ लेकर वोटरों को साधा था।
योगी के इस समीकरण ने बीजेपी को लाभ भी हुआ और यूपी में गठबंधन की चुनौती से पार पाने में सफलता भी मिली। योगी की धार्मिक सक्रियता को देखा जाए तो साफ जाहिर होता है कि बीजेपी सरकार का लॉग इन तो विकास है लेकिन उसका पासवर्ड हिंदुत्व ही है।
अयोध्या का आकर्षण
सीएम योगी ने अयोध्या में कोदंड भगवान श्रीराम की प्रतिमा के अनावरण के साथ ही अयोध्या हस्तशिल्प में राम संग्रहालय की स्थापना और तीन देशों की कैरेबियन रामलीला यात्रा पर विशेष रिपोर्ट प्रकाशित कर अयोध्या के प्रति नया आकर्षण पैदा किया। दरअसल, सरकार पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या की ओर देश-दुनिया का ध्यान खींच रही है। मंदिरों में देश-विदेश के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है।
हिंदू धार्मिक स्थलों पर खास ध्यान
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई पर विशेष जोर देने के साथ ही योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा के विकास को शीर्ष प्राथमिकता दी। अयोध्या और मथुरा-वृंदावन को नगर निगम बनाने के साथ ही मुख्यमंत्री ने इन नगरों का खूब भ्रमण किया। दीपोत्सव मनाकर अयोध्या की रंगत बदल दी। फिर फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किया। इसके पहले इलाहाबाद को प्रयागराज नाम दिया गया।
योगी का धार्मिक संदेश पूरी दुनिया में गया
प्रयागराज के कुंभ से योगी का धार्मिक संदेश पूरी दुनिया में गया। कई देशों के लोग कुंभ में आये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की। रामायण सर्किट और ब्रज सर्किट में भी विकास की योजनाओं को बढ़ावा मिला। सिंधु दर्शन यात्रियों की अनुदान राशि दोगुनी की गई। इसके अलावा धार्मिक स्थलों पर गोरखपुर, गाजीपुर, वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट से लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में विकास योजना शुरू की गई हैं।
अयोध्या में भूमि अधिग्रहण
इसके अलावा रामनगरी अयोध्या में विश्व की सबसे ऊंची 221 मीटर की भगवान श्रीराम की प्रतिमा स्थापित की कवायद तेज हो गई है। पर्यटन विभाग की ओर से भूमि के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसमें सरयू किनारे 222 लोगों की 28.2864 हेक्टेयर भूमि ली जानी है। इसमें 66 भवन व पांच मंदिर के अधिग्रहण का भी प्रस्ताव है।
भगवान श्रीराम की प्रतिमा के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट
भगवान श्रीराम की प्रतिमा के लिए योगी सरकार द्वारा पहले ही 200 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया जा चुका है। अयोध्या के सरयू नदी के पास भगवान राम की करीब 221 मीटर ऊंची प्रतिमा लगनी है। इसके लिए 28.2864 हेक्टेयर जमीन अधिकृत करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इसके लिए पर्यटन विभाग ने भू-स्वामियों को पक्ष रखने बुलाया है
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर निर्माण
इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और धर्म नगरी वाराणसी में भी योगी सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। बाबा दरबार से गंगा तट तक श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर निर्माण पर 460 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कॉरीडोर क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों को भी संरक्षित कर भव्य स्वरूप दिया जाएगा।
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कॉरीडोर की डीपीआर 12 जून को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक में रखी जाएगी। इसमें पारित होने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा ताकि वित्तीय कमेटियों की संस्तुति के साथ कैबिनेट की स्वीकृति और बजट आवंटन कराया जा सके। बता दें कि इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य है। तत्परता के लिहाज से पूरे कार्य को चार चरणों में बांटा गया है। आठ मार्च को इसकी आधारशिला रखी जा चुकी है।
बजट में गाय पर फोकस
गाय को हमेशा हिंदू आस्था से जोड़ा जाता रहा है। योगी सरकार द्वारा पेश किये गए इस साल के बजट को देख कर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के मुकाबले गायों को ज्यादा फायदा हुआ है। योगी सरकार ने गायों की रक्षा और शेल्टर होम्स के लिये इस बजट मे 247.60 करोड रूपये की व्यवस्था की है। बताया जा रहा है कि ये शेल्टर होम्स गांवो मे बनाये जाएंगे। इसके अलावा 200 करोड रुपए शहरी क्षेत्रों में कान्हा गौशालाओ में जानवरों के रखरखाव और अन्य खर्चो के लिये दिए हैं। इन सब के अतिरिक्त शराब से मिलने वाले स्पेशल सेस में से 165 करोड रुपए अवारा और बीमार पशुओं की देखभाल के लिये खर्च किये जाएंगे।
संस्कृत पर गंभीर है सरकार
हिन्दू धर्म से सम्बंधित कई धर्मग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं। संस्कृत भाषा का हिंदू धर्म में खास स्थान है। सूबे में संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार के लिए और विद्यार्थी और शोधार्थी इस भाषा से ज्यादा से ज्यादा जुड़ सकें, इसके लिए भी योगी सरकार गंभीर है।
सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण
आपको बताते चलें कि मथुरा-वृंदावन के मध्य ऑडोटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपए प्रस्तावित किये गए हैं। इसके अलावा इस बजट में सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण हेतु 5 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है साथ ही वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
पर्यटन के नाम पर
वित्तीय वर्ष 2019-20 की बजट की बात करें तो उत्तर प्रदेश ब्रिज तीर्थ में आधारभूत सुविधाओं हेतु 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए शासन की तरफ से 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए ₹27करोड़ की व्यवस्था, पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड रुपए तथा प्रो पुअर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
साथ ही जहां एक तरफ वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल और गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में एयरपोर्ट हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बार बजट में की गई है।