जुबिली न्यूज डेस्क
हनुमान चालीसा को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में खटास बढ़ती जा रही है। भाजपा और शिवसेना एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए हैं।
वहीं अब हनुमान चालीसा विवाद पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा को स्पष्ट लफ्जों में चेतावनी देते हुए कहा कि दादागिरी मत करिएगा…ऐसा करने की कोशिश भी की तो हमें पता है कि इसे कैसे ध्वस्त करना है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना को उकसाइए मत, वर्ना बहुत महंगा पड़ जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, काफी समय से ये हलगातार कहा जा रहा है कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है। हिंदुत्व क्या कोई धोती या कोई और चीज है, जिसे छोड़ा जा सकता है। हमारा हिंदुत्व गदाधारी है। जैसे हनुमान जी की गदा होती है ठीक वैसे ही।
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उन्होंने कहा, अगर किसी को हनुमान चालीसा का पाठ करना है तो मुझे कॉल करिए। मेरे घर आइये, लेकिन हमें गुस्सा मत दिलाएं।
फिलहाल उद्धव ठाकरे की इस चेतावनी को भाजपा कितना समझ पाती है यह तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन भाजपा के हनुमान चालीसा दाव में शिवसेना उलझ जरूर गई। भाजपा लगातार इस मुद्दे पर शिवसेना की परेशानी बढ़ाने में लगी रही है।
भाजपा अभी भी इस मुद्दे को लेकर शिवसेना के सामने खड़ी है। इसकी एक झलक सोमवार को देखने को मिली जब लाउडस्पीकर मामले पर बुलाई सर्वदलीय बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई।
It’s being said that we’ve ignored Hindutva. Is Hindutva a dhoti or what? Our Hindutva is ‘Gada Dhari’ like Lord Hanuman’s Gada. If you want to recite Hanuman Chalisa, call and come home. But if you resort to ‘Dadagiri’ we know how to crumble it: Maharashtra CM Uddhav Thackeray pic.twitter.com/rgx3Jsh20p
— ANI (@ANI) April 25, 2022
सर्वदलीय बैठक के बाद शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस की। जहां शिवसेना ने मीडिया से इस मुद्दे को लेकर बहुत ही सहज बातचीत की तो वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस हिंदुत्व के नाम पर शिवसेना को आईना दिखाते नजर आए।
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दरअसल अमरावती सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी के बाद से भाजपा इस मामले को गर्म रखने की कोशिश में लगी हुई है।
वहीं राजनीतिक पंडितों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के तेवर तीखे होने की वजह भाजपा की राजनीति है। वो समझ रहे हैं कि भाजपा उन्हें छद्म हिंदू साबित करने पर तुली है, जबकि शिवसेना की राजनीति की धुरी ही धर्म है।
यही कारण है कि सीएम उद्धव ठाकरे ने भाजपा को सपाट लहजे में धमकी दी है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में धर्म को लेकर राजनीति और तीखी दिखेगी। यानि भाजपा और शिवसेना के संबंधों में और भी अधिक तल्खी दिखने के आसार हैं।