जुबिली न्यूज डेस्क
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कोरोना संकट की स्थिति जानने के लिए फोन तो किया लेकिन पीएम ने उनकी कोई बात नहीं सुनी।
दरअसल गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड में मौजूदा कोरोना संकट की स्थिति जानने के लिए वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फोन किए।
प्रधानमंत्री से बातचीत के कुछ घंटों बाद सीएम ने आरोप लगाया कि पीएम ने उनकी बात सुनी ही नहीं। बातचीत किसी अकेले व्यक्ति के लंबे भाषण जैसी थी।
मोदी और सोरेन के बीच हुई बातचीत के बारे में विस्तार से तो नहीं पता चल पाया लेकिन सीएम सोरेन ने रात को ट्वीट किया था,
“आरदरणीय प्रधानमंत्री ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता कि अगर वह काम की बात करते और काम की बात सुनते।”
आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 6, 2021
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने “The Indian Express”को बताया, “झारखंड सीएम का गुस्सा महसूस किया जा सकता था। पीएम मोदी ने उनसे राज्य की स्थिति, संसाधनों और क्या सूबे को जरूरत है, इस पर कुछ भी नहीं पूछा, जबकि असल में झारखंड जरूरी दवाइयां पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। वह बस बोलते रहे और बोलते रहे। यही वजह थी कि सीएम ने ट्वीट किया।”
वहीं मुख्यमंत्री सोरेन को अपने इस ट्वीट की वजह से कई bjp नेताओं की कड़ी निंदा का सामना करना पड़ा।
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असम के बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “अपमानजनक” करार दिया। कहा कि इसने सीएम दफ्तर पर “कलंक लगाया” और राज्य के लोगों की बेइज्जती की।
मालूम हो मुख्यमंत्री सोरेन पिछले कुछ समय में मोदी सरकार के काम करने के तौर-तरीकों और रणनीतियों (कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन का मुद्दा भी शामिल) को लेकर आलोचनात्मक रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि यही कारण हो सकता है कि केंद्र की घोषणाओं में झारखंड की अनदेखी की गई हो। केंद्र ने तीन मई, 2021 को देश भर के 581 जन स्वास्थ्य केंद्रों पर एडिश्नल प्रेशर स्विंग एडसॉर्पशन मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स लगाने का फैसला लिया था, ताकि आसानी से जगह-जगह ऑक्सीजन मिल सके। सूत्रों ने बताया कि झारखंड इस लिस्ट में नहीं था।
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