जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तल्खी इन दिनों काफी चर्चा में है। दरअसल नीतीश कुमार ने जब से बीजेपी का साथ छोड़ा है और दोबारा लालू के साथ गए है तब से वहां पर बीजेपी और जेडीयू में लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार पर तगड़ा हमला बोल रहे हैं ।
पीके ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीके ने दावा किया है कि जदयू सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिए भाजपा के साथ संवाद के लिए एक रास्ता खुला रखा है।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार भाजपा के संपर्क में हैं और अगर स्थिति की मांग हुई तो वह फिर से उस पार्टी के साथ गठजोड़ कर सकते हैं।
पीके ने कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, वे यह जानकर चकित रहे जाएंगे कि उन्होंने भाजपा के साथ रास्ता खुला रखा है। वह अपनी पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी के जरिए भाजपा के संपर्क में हैं।
लेकिन अब नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और खुलकर उनपर हमला बोला है। उन्होंने आग्रह किया कि उनके सामने प्रशांत किशोर के बारे में नहीं पूछा जाए। नितीश कुमार ने कहा कि ‘जो मन में आता है, बोलता रहता है।’
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पीके की इस टिप्पणी को खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया और कहा कि इसका मकसद भ्रम फैलाना है।
प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उसके बाद से पीके कई दलों और चुनावों में बतौर रणनीतिकार भूमिका निभा चुके हैं।
उनके नाम कई चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है तो साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में फेल होने का भी रिकॉर्ड है।
2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब प्रशांत किशोर बीजेपी छोड़कर जेडीयू के सलाकार बने। बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी को मात दी।