पॉलिटिकल डेस्क।
2019 के लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के लिए रविवार को मतदान हुआ। इस चरण में ही पंजाब की सभी 13 सीटों पर वोट डाले गए। यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी-अकाली दल गठबंधन और आम आदमी पार्टी से है । वहीं मतदान वाले दिन पंजाब कांग्रेस में आपसी फूट भी देखने को मिली।
पार्टी के दो बड़े नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई उस समय खुलकर सामने आ गई जब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि शायद नवजोत सिंह सिद्धू मुझे हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
उन्होंने (अमरिंदर सिंह) कहा कि मैं नवजोत सिंह सिद्धू को बचपन से जानता हूं। शायद मुझे हटाकर वो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ये उनका मामला है। लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले जो बयान दिया उसका असर पार्टी पर पड़ेगा, न की मुझपर। केंद्रीय नेतृत्व ने इसपर संज्ञान लिया है। पार्टी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती है।”
गौरतलब है कि पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को कहा था कि अगर कैप्टन अमरिंदर के राज में धर्म ग्रंथों के अपमान पर इंसाफ नहीं मिला और दोषियों को सज़ा नहीं दी गई तो मैं कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।
लोकसभा चुनाव में टिकट काटे जाने से नाराज हैं नवजोत कौर सिद्धू
बता दें कि नवजोत कौर चंडीगढ़ सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को टिकट दिया है। उनका मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद किरण खेर से है।
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू अपने टिकट काटे जाने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार बता चुकी हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था कि कैप्टन साहब की वजह से मेरा टिकट काट दिया गया। उन्होंने कहा, दशहरा पर जो ट्रेन हादसा हुआ था, उसे आधार बनाकर मेरा टिकट काटा गया।