प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. नागरिक सुरक्षा विभाग वाराणसी में रिन्यूवल के नाम पर चल रहा वसूली का काला कारोबार अब उत्तर प्रदेश सरकार की जांच फ़ाइल का हिस्सा बन गया है. आईजी अमिताभ ठाकुर ने विभाग के 11 अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान दर्ज किये. सूत्रों के अनुसार अपने बयान में सभी 11 लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि वसूली का कारोबार चल रहा है.
नागरिक सुरक्षा विभाग वाराणसी में अवैतनिक डिवीजनल वार्डेन के रूप में पिछले 22 साल से कार्यरत राम आसरे कुशवाहा से डिप्टी कंट्रोलर नीरज मिश्र ने प्रमुख सचिव राजन शुक्ला के नाम पर 50 हज़ार रुपये रिश्वत की मांग की. नीरज ने कहा कि मुगलसराय से वाराणसी आने के लिए मैं खुद प्रमुख सचिव को एक लाख रुपये देकर आया हूँ.
राम आसरे कुशवाहा ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर दी. मुख्यमंत्री को की गई शिकायत में कुशवाहा ने बताया कि नीरज मिश्रा वाराणसी में पैदा हुए, यहीं पढ़ाई की और नौकरी के दौरान भी अधिकाँश समय यहीं बिता दिया. सुब्रत त्रिपाठी वाराणसी में एसएसपी होकर आये तो इनका ट्रांसफर गोरखपुर कर दिया लेकिन इन्होंने कुछ ही दिन बाद अपना ट्रांसफर पहले मुगलसराय कराया और फिर वाराणसी लौट आये.
कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नीरज मिश्रा नागरिक सुरक्षा विभाग में कार्यरत हर कर्मचारी से अवैध वसूली करता है. वसूली क्योंकि प्रमुख सचिव के नाम पर होती है इसलिए सभी मुंह बंद किये रहते हैं. कुशवाहा ने बताया कि वह 22 साल से लगातार अवैतनिक डिवीजनल वार्डेन हैं. हर साल रिन्यूवल के लिए एलआईयू और पुलिस वैरीफिकेशन होता है. इस बार भी यह प्रक्रिया पूरी हो गई लेकिन 50 हज़ार नहीं दिए तो नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया.
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आईजी अमिताभ ठाकुर ने इस सम्बन्ध में जांच के लिए नागरिक सुरक्षा विभाग के वाराणसी में कार्यरत 11 कर्मचारियों को बुलाया. सभी के बयान दर्ज हो गए हैं. इस सम्बन्ध में जुबिली पोस्ट ने अमिताभ ठाकुर से मामले की जानकारी के लिए सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं. इस मामले में जांच जारी है.