जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. नाबालिग लड़की से शोषण करने का आरोप साबित होने के बाद हरिद्वार की सिविल जज को बर्खास्त कर दिया गया है. नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से सिविल जज दीपाली शर्मा को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी.
हरिद्वार की सिविल जज दीपाली शर्मा पर आरोप लगा था कि उनके घर पर काम करने वाली नाबालिग लड़की का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है. न्यायिक अधिकारी पर इतने गंभीर आरोप की जांच कराई गई तो लड़की सिविल जज के आवास से बरामद हो गई. लड़की की शरीर पर चोटों के निशान भी मिले.
यह मामला वर्ष 2019 का है. सिविल जज दीपाली शर्मा के हरिद्वार स्थित आवास पर पड़े छापे के बाद जब नाबालिग लड़की के साथ शोषण की बात साबित हो गई तब सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद दीपाली शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया.
मामला न्यायिक अधिकारी से जुड़ा था इसलिए नैनीताल हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने दीपाली शर्मा की बर्खास्तगी का आदेश सुनाया. कार्रवाई के लिए शासन को लिख दिया गया.
नैनीताल हाईकोर्ट की सिफारिश पर उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने सिविल जज दीपाली शर्मा को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया. बर्खास्तगी का आदेश नैनीताल हाईकोर्ट की वेबसाईट पर लोड कर दिया गया है.
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बताया जाता है कि हरिद्वार के जिला जज राजेन्द्र सिंह चौहान की मौजूदगी में जिला अस्पताल में नाबालिग लड़की का मेडिकल परीक्षण किया गया था. जिसमें उसके शरीर पर चोटों के 20 निशान मिले थे. किशोर अधिनियम के तहत उत्तराखंड में किसी अधिकारी की बर्खास्तगी का यह पहला मामला है.