Sunday - 27 October 2024 - 6:13 PM

राज्यसभा में नागरिकता विधेयक पास कराने की चुनौती

न्‍यूज डेस्‍क

विपक्ष के जोरदार विरोध के बावजूद लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल, 2019 को पास हो गया। विपक्ष के कड़े विरोध के बाद भी बिल का पास होना मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। लोकसभा में तो बिल पास हो गया लेकिन अब राज्यसभा की बारी है।

राज्यसभा की कार्यवाही की सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे इस बिल पर चर्चा शुरू होगी। राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा की खातिर 6 घंटे का समय तय किया गया है। मोदी सरकार की असल परीक्षा तब होगी जब चर्चा के बाद बिल राज्यसभा में पारित किया जा रहा होगा।

राज्यसभा में इस दौरान हंगामे की पूरी संभावना है क्योंकि बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस, टीएमसी और सपा ने भी अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है।

गौरतलब है कि इस बिल के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत आस पास के देशों से भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो लोकसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत था, लेकिन अब इस बिल को लेकर असली परीक्षा राज्यसभा में होनी है। क्योंकि राज्यसभा में अभी भी विपक्ष मजबूत है और बीजेपी कुछ कमजोर है। बुधवार को ये बिल राज्यसभा में आ सकता है, शिवसेना ने लोकसभा में तो बिल का समर्थन किया लेकिन क्या अब राज्यसभा में भी उसका रुख यही रहता है इसपर नजर रहेगी।

राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 239 है। मतलब ये कि अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 120 वोट की जरूरत पड़ेगी। राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पास कराने के लिए मोदी सरकार को जितने सांसदों के वोट चाहिए उससे काफी ज्यादा संख्या में सांसद उनके पक्ष में वोट कर सकते हैं।

आपको बता दें कि राज्यसभा में बीजेपी के 83, जेडीयू के 6, एआईएडीएमके के 11, बीजेडी के 7, एसएडी के 3, आरपीआई के 1, एलजेपी के 1, वाईएसआर कांग्रेस के 2, टीडीपी के 2, एजीपी के 1, बीपीएफ के 1, एनपीएफ के 1, एसडीएफ के 1, नॉमिनेटेड 3 सदस्य, निर्दलीय एवं अन्य 4 सदस्यों के साथ कुल 127 सांसद हैं जो बिल के पक्ष में वोट कर सकते हैं। लेकिन सरकार की तरफ के दो सांसद स्वास्थ्य कारणों की वजह से अनुपस्थित भी रह सकते हैं।

वहीं जो दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं राज्यसभा में उनकी कुल संख्या सिर्फ 113 ही है। बिल के विरोध में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, एनसीपी के 4, सपा के 9, आप के 3, बसपा के 4, सीपीआई के 1, सीपीएम के 5, डीएमके के 5, आईयूएमएल के 1, पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस एम के 1, एमडीएमके के 1, पीएमके के 1, आरजेडी के 4, शिवसेना के 3, टीआरएस के 6, 1 नॉमिनेटेड सदस्य और 2 निर्दलीय एवं अन्य के साथ कुल 113 सांसद हैं। उम्मीद की जा रही है कि विपक्ष के सभी सदस्य कल राज्यसभा में उपस्थित रह सकते हैं।

इस विधेयक के विरोध में विपक्ष के लामबंद होने के बावजूद सत्तारूढ़ भाजपा को उम्मीद है कि बुधवार को यह विधेयक जब राज्यसभा में लाया जाएगा तो इसे आसानी से पारित करवा लिया जाएगा। इस बीच विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ छात्र संघों और वाम-लोकतांत्रिक संगठनों ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किये जाने से एक दिन पहले असम में इस विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप रहा।

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