न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन बिल गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर लगने के बाद कानून बन गया। इस कानून के तहत, अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
बढ़ते विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी 14 से 18 दिसंबर तक दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और लखनऊ में जागरुकता कार्यक्रम चलाएगी। इस दौरान बीजेपी आम लोगों को नागरिकता संशोधन एक्ट के बारे में बताएगी।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पूरे पूर्वोत्तर में प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन की वजह जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे का भारत दौरा अधर में लटक गया है। जापान की मीडिया के मुताबिक, शिंजो अबे अपनी यात्रा को रद्द करने के बारे में सोच रहे हैं। दरअसल, भारत और जापान के बीच असम की राजधानी गुवाहाटी में रविवार से समिट होनी है।
दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के साथ प्रदर्शनकारी सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी लगातार कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया। राज्य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है।
सड़क से संसद तक चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब इसकी लड़ाई कोर्ट में लड़ने की तैयारी हो रही है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज पहली याचिका दायर होगी। “पीस पार्टी” आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के सदस्य आज गुवाहाटी में भूख हड़ताल करेंगे। संगठन नागरिकता कानून का विरोध कर रहा है।
इस बीच हालात पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी एक्टिव हो गए हैं। गुरुवार को अमित शाह ने लगातार बैठकें की और स्थानीय नेताओं से मिलकर उन्हें आश्वासन दिया। अमित शाह ने IPFT के अलावा अन्य संगठनों से मुलाकात की। ये सभी त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। अमित शाह से मिलकर इन्होंने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, शाह ने कि मोदी सरकार इनकी दिक्कतों को दूर करेगी।
त्रिपुरा के शाही परिवार माणिक्य वंश के सदस्य किरीट प्रद्योत देब बर्मन ने गुरुवार को अमित शाह से मुलाकात की, इसके साथ ही उन्होंने TPF की प्रमुख कन्या जमातिया से भी मुलाकात की थी। बता दें कि किरीट प्रद्योत ने अमित शाह से मिलने के बाद ट्वीट किया था कि उन्होंने गृह मंत्री से कहा है कि वह इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद त्रिपुरा में प्रदर्शनकारियों ने भले ही अपना विरोध खत्म कर दिया हो, लेकिन वहां भी इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद हैं। गुरुवार को आदिवासी बहुल इलाकों में तनाव बना रहा। अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में अभी भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
इस सभी के बीच पंजाब और केरल के मुख्यमंत्रियों ने ऐलान किया है कि उनके राज्य में ये कानून लागू नहीं होगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह, पिनरई विजयन ने गुरुवार को ये ऐलान किया। इससे पहले ममता बनर्जी भी कह चुकी हैं कि वह बंगाल में कानून लागू नहीं होने देंगी। हालांकि, नागरिकता का मसला केंद्र के अधीन होता है ऐसे में राज्यों को कानून लागू करना पड़ता है।