जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान तालिबान का हमेशा से समर्थक रहा है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का पाकिस्तान ने खुलकर समर्थन किया था।
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के मसले पर तालिबान का खुलकर समर्थन अब तूल पकड़ रहा है। इसका कारण है बीते दिनों पंजशीर में पाकिस्तान की वायुसेना ने नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के खिलाफ एक्शन लेना।
वाशिंगटन तक ISI चीफ का विरोध
पाकिस्तान की दखलअंदाजी इस कदर बढ़ गई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ हामिद फैज काबुल पहुंच गए। पाकिस्तान के इस खुलेआम दखल से लोग परेशान हैं और अब सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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अफगानिस्तान के काबुल, मजार-ए-शरीफ में सोमवार को लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों के निशाने पर पाकिस्तान था और आईएसआई चीफ थे।
लोगों ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि पंजशीर में आम लोगों को निशाना ना बनाया जाए और पाकिस्तान किसी तरह का हमला ना करे। इतना ही नहीं पाकिस्तानी एजेंसी ISI के चीफ की वापसी की मांग भी लोगों ने की, क्योंकि अफगानिस्तान के लोगों को लगता है कि ISI ही तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का खुलकर साथ दे रही है, इसलिए पंजशीर में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों की मुसीबत बढ़ी है।
पाकिस्तान के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन सिर्फ काबुल-मजार ए शरीफ ही नहीं बल्कि अमेरिका के वाशिंगटन में भी हुआ है। अमेरिका में रहने वाले अफगान नागरिकों ने तालिबान के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने पर मांग की।
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ईरान ने भी किया था पाक का विरोध
तालिबान की ओर से पंजशीर पर कब्जे का दावा किया गया है। बीते दिनों ही पाकिस्तान की वायुसेना ने पंजशीर में ड्रोन से हमले किए थे, जिसकी शिकायत अफगानिस्तान के एक सांसद ने की थी। इसी से पंजशीर की जंग में तालिबान को मदद मिली थी।
तालिबान के दावे से इतर नॉर्दर्न एलायंस अभी भी पंजशीर में लड़ाई जारी होने की बात कर रहा है। वहीं अफगान नागरिकों से इतर बीते दिन ईरान की ओर से भी एक बयान दिया गया था।
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ईरान ने किसी भी बाहरी देश के इस तरह दखल देने का विरोध किया था। पाकिस्तान का नाम लिए बिना ईरान ने कहा था कि वह किसी भी तरह के हमले की निंदा करते हैं और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं।