चिराग पासवान ने PM मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि LJP कोटे से किसी को मंत्री न बनाया जाए. .. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में कहा, “पशुपति पारस को LJP कोटे से मंत्री न बनाया जाए… अगर उन्हें मंत्री बनाना है तो एक निर्दलीय सांसद के रूप में मंत्री बनाया जाए… अगर LJP कोटे से इन्हें मंत्री बनाया जाता है तो हम कोर्ट जाएंगे.”
जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। केंद्रीय कैबिनेट विस्तार की खबरों के बीच लोजपा नेता पशुपति पारस गृहमंत्री अमित शाह के फोन के बाद दिल्ली पहुंच गए। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि पशुपति पारस को मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन ये बात एलजेपी नेता चिराग पासवान को रास नहीं आ रही है।
उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस का एलजेपी कोटे से केंद्रीय मंत्री बनाना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है यह संभव नहीं है क्योंकि पार्टी के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।
उन्होंने इस दौरान साफ कर दिया है कि अगर पशुपति पारस का एलजेपी कोटे से मंत्री बने तो वो कोर्ट जा सकते हैं। चाचा पशुपति पारस को मंत्री नहीं बनाने के लिए चिराग पासवान ने पीएम मोदी को पत्र लिखी है। उन्होंने पीएम से कहा है कि अगर उन्हें एलजेपी सांसद के तौर पर मंत्री बनाया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगा। निर्दलीय सांसद या जेडीयू से वो मंत्री बने तो कोई दिक्कत नहीं है।
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Making him (Pashupati Paras) a Union Min on LJP quota isn't possible as party's executive board expelled him. I informed PM through letter. If he's appointed min as MP of my party I'll go to court. No problem if he's appointed minister as independent MP or from JDU: Chirag Paswan pic.twitter.com/NSqmY39sMH
— ANI (@ANI) July 6, 2021
वहीं मंत्री बनने को लेकर अब तक भाजपा ने चिराग पासवान से कोई संपर्क नहीं साधा है। वहीं चिराग इशारों-इशारों में भाजपा को कई बार अपना किया एहसान जता चुके हैं। लेकिन भाजपा अब तक चिराग के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी पूरी तरह से टूट चुकी है। चिराग पासवन किसी तरह से अपनी पार्टी को दोबारा एक करने में जुटे हुए है।
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हालांकि चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग को अलग-थलग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चाचा और भतीजे दोनों लोक जनशक्ति पार्टी को अपना बता रहे हैं।
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दोनों ही गुट अपने-अपने हिसाब से पार्टी पर अपना नियंत्रण करना चाहते हैं। चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट ने चिराग को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने कड़ा एक्शन लेते हुए बतौर लोक जनशक्ति के अध्यक्ष की हैसियत से बागी पांच सांसदों को पार्टी से निकाल बाहर कर दिया था।
ऐसे में दोनों एक दूसरे खिलाफ कड़े तेवर दिखा रहे हैं और पार्टी पर अपना हक जता रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिर किसकी लोकजनशक्ति पार्टी है। दोनों धड़े पार्टी पर अपने नियंत्रण का दावा कर रहे हैं, ऐसे में मामला निर्वाचन आयोग तक पहुंचने के आसार हैं।