जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री का बनने का सपना देख रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने भी नीतीश कुमार को सीएम के चेहरे के तौर फिर पेश किया है। दूसरी ओर एनडीए का हिस्सा लोक जनशक्ति पार्टी के तेवर लगातार सख्त नजर आ रहे हैं।
चिराग पासवान को नीतीश मंजूर नहीं इस वजह से पार्टी ने तय किया है कि लोजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी। चिराग पासवन के इस कदम से बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है। आलम तो यह है कि चिराग लगातार नीतीश को अपने निशाने पर ले रहे हैं।
चिराग ने सोमवार को बिहार वासियों के नाम दो पन्नों का एक पत्र लिखकर राजनीतिक पारा और बढ़ा दिया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को एक बार फिर कुछ बातें कही है। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने युवाओं को रोजगार और बिहार के विकास की बातें की हैं. चिराग ने लोगों से की गई अपनी अपील में कहा है कि वे जेडीयू को वोट न दें, वरना उनके बच्चों को चुनाव के बाद पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है, कि बिहार राज्य के इतिहास का ये बड़ा निर्णायक क्षण है। करोड़ों बिहारियों के जीवन मरण का प्रश्न है क्योंकि अब हमारे पास खोने के लिए और समय नहीं है।
जेडीयू के प्रत्याशी को दिया गया एक भी वोट कल आपके बच्चे को पलायन करने पर मजबूर करेगा। अब देखना होगा कि उनकी अपील का बिहार की जनता पर कितना असर होता है लेकिन इतना तय है कि चिराग नीतीश की राह में नया काटा बनकर सामने आए है। बीजेपी इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोल रही है।
देखना होगा जनता नीतीश को फिर सत्ता पर बैठाती है या फिर बिहार में लालू के लाल तेजस्वी को सत्ता मिलती है लेकिन चिराग को आखिर कौन इतनी हवा दे रहा है यह एक बड़ा सवाल है।