जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में नीतीश कुमार सरकार का अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में नई सरकार में कई और चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
उधर बीजेपी और जेडीयू लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे रही है और पीएम मोदी खुद बिहार में लगतार रैली कर रहे हैं लेकिन उनकी रैली में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशावाहा दोनों सहयोगी नेता मंच पर नहीं दिखे। ऐसे में अटकलों का बाजार फिर से गर्म हो गया है।
कहा तो ये भी जा रहा है कि दोनों अलग राह पकड़ सकते हैं। दरअसल बिहार में एनडीए के साथी है और वो ज्यादा सीट की चाहत रखते हैं लेकिन बीजेपी इस पर राजी नहीं है।
वहीं विपक्ष भी चिराग पासवन को अपनी तरफ करने में जुट गया है। स्थानीय सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान को राज्य में 8 लोकसभा सीटें और यूपी में दो सीटों की पेशकश हुई है। हालांकि अभी तक इस पर चिराग पासवन ने कोई फैसला या फिर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अब चिराग पासवन ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि हर पार्टी चाहती है कि वह (चिराग) उनके खेमे में रहें. साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए चिराग ने संकेत दिया है उनके विकल्प खुले है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां मीडियाकर्मियों की भीड़ देख रहा हूं, जो यह जानने के लिए उत्सुक है कि चिराग पासवान किसके साथ हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी निष्ठा, उनकी तुलना भगवान राम से और खुद की तुलना भगवान हनुमान से की जाती है।
चिराग ने कहा कि हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके पक्ष में हों। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोग उनके ”बिहार पहले बिहारी पहले” वाली नीति से प्रभावित हैं, जो कि राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहते हैं। अपने भाषण में उन्होंने खुद को “शेर का बेटा” कहते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया।