न्यूज डेस्क
पिछले सप्ताह पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद स्वामी को रेप मामले में जमानत देने के कारण सुर्खियों में आए न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल उनका प्रमोशन होने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी को उस उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्तकरने की सिफारिश की है। कॉलेजियम का यह फैसला पहले न्यायमूर्ति चतुर्वेदी के पदोन्नति को स्थगित करने के पांच महीने बाद आया, जिसे 13 फरवरी को सार्वजनिक किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाले गए कॉलेजियम के प्रस्ताव में किसी भी अवसर पर कोई कारण नहीं दिया है। बयान में बस इतना ही कहा गया है कि “12 फरवरी, 2020 को हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उस उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन उत्पीडऩ के आरोप में जमानत मिली थी। उन्हें जमानत न्यायाधीश राहुल चतुर्वेदी ने दिया था।
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न्यायाधीश ने शिकायतकर्ता के आचरण को “आश्चर्यजनक” बताया था और कहा था कि उसने “फिरौती के लिए उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की।” उन्होंने अपने आदेश में कहा “एक लड़की, जिसका कौमार्य दांव पर है, अपने ही माता-पिता या कथित घटना के संबंध में न्यायालय के समक्ष एक भी शब्द नहीं बोल रही है, एक आश्चर्यजनक आचरण है जो अभियोजन की कहानी की सरलता के बारे में बोलती है।”
मालूम हो के जस्टिस चतुर्वेदी को सितंबर 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने नौ अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त करने के मद्रास हाईकोर्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने 12 फरवरी को न्यायमूर्ति पी टी आशा, न्यायमूर्ति एम निर्मल कुमार, न्यायमूर्ति सुब्रमणनियम प्रसाद, न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश, न्यायमूर्ति जी के इलांतीरैयन, न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी, न्यायमूर्ति सी सरवनन, न्यायमूर्ति बी पुगलेन्डी और न्यायमूर्ति संतिलकुमार राममूर्ति को स्थाई न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
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