न्यूज डेस्क
डोकलाम विवाद के करीब दो साल बाद एक बार फिर चीनी सैनिकों ने शुक्रवार को भारतीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ की है। लद्दाख सेक्टर के देमचोक इलाके में चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर घुस आए। तो वहीं, मीडिया खबरों में चीनी सैनिकों के छह किलोमीटर अंदर तक घुस आने की बात कही जा रही थी।
एक अधिकारी के अनुसार, तिब्बत के कुछ लोग तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे और उनके हाथों में झंडे था । भारतीय सीमा में घुसे चीनी सैनिकों ने इसका विरोध किया। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच अभी तक एलएसी का सही निर्धारण नहीं हुआ है, इसलिए घुसपैठ को लेकर अलग-अलग मत होते हैं।
वहीं इस घटना पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पीएलए के जवानों ने एलएसी को पार नहीं किया था। दो वाहनों से सादे कपड़ों में आए चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में सिंधु नदी के किनारे खड़े थे। वहीं से उन्होंने एक बैनर लहराया, जिस पर लिखा था, ‘तिब्बत को विभाजित करने वाली सभी गतिविधियां प्रतिबंधित करें।’
इस घटना की भारतीय अधिकारियों ने शरणार्थियों की गतिविधियों की जांच करने का भी भरोसा दिलाया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि भारतीय सेना के जवान भी वहां मौजूद थे और उन्होंने चीनी सैनिकों को और आगे बढ़ने नहीं दिया।
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बता दें कि 2017 में चीनी सेना ने सिक्किम और भूटान की सीमा के पास डोकलाम में सड़क बनाने का प्रयास किया था। इसको लेकर भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो सीमा पर तनाव बढ़ गया था। 73 दिनों तक भारत और चीन की सेना आमने-सामने रही थी। बाद में वूहान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक के बाद तनाव में कमी आई थी।