जुबिली न्यूज डेस्क
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने विरोधियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि “चीन अब किसी से नहीं दबेगा। चीन अब किसी भी विदेशी ताकत को यह अनुमति नहीं देगा कि वो हमें आंख दिखाये, हम पर दबाव बनाये या हमें अपने अधीन करने का प्रयास करे।”
राष्ट्रपति जिनपिंग ने यह बातें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह में करीब सत्तर हजार दर्शकों की मौजूदगी में कही। उनके इस बयान के बाद समारोह-स्थल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता हुआ दिखाई दिया।
जिनपिंग के इस बयान को अमेरिका और चीन के मौजूदा तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
वैसे सिर्फ अमेरिका ने ही नहीं बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों ने हॉन्गकॉन्ग के मामले में चीन के बर्ताव की आलोचना की थी, तब चीन ने हॉन्गकॉन्ग को अपना आंतरिक मामला बताते हुए उनका खंडन किया था।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) पहली जुलाई को अपनी स्थापना के सौ वर्ष मना रही है।
इस मौके पर बोलते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा, “किसी को भी चीनी लोगों की मजबूत इच्छाशक्ति, इरादे और बेजोड़ ताकत को कम करके नहीं आंकना चाहिए। अगर कोई विदेशी ताकत ऐसा करने का प्रयास करती है तो उसे चीन के 1.4 अरब लोगों की फौलादी ताकत से निपटना होगा।”
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चीनी राष्ट्रपति ने दावा किया कि हमने किसी को नहीं दबाया है, ना ही आंख दिखाई है और ना ही किसी अन्य देश के नागरिक को अपने अधीन करने का प्रयास किया है और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे।
माओ त्सेतुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन हमेशा से ही शांति, वैश्विक विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए काम करता रहा है।
शताब्दी समारोह में चीनी जेट विमानों ने फ्लाईपास्ट किया। राष्ट्रपति को तोपों से सलामी दी गई और कई राष्ट्रवादी गीत बजाये गए।
जिनपिंग ने कहा कि साम्यवाद ही चीन को बचा सकता है और साम्यवादी चीनी लोग ही देश का विकास कर सकते हैं।
बीते कुछ वर्षों में, चीन कई बार अमेरिका पर उसकी आर्थिक वृद्धि में बाधा बनने का आरोप लगा चुका है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शी जिनपिंग माओ की तरह ही तैयार होकर आये थे। उन्होंने उन्हीं की तरह कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने अपने भाषण में चीनी लोगों की बहुत तारीफ की।
उन्होंने कहा कि अगर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नहीं होती तो जिस नई दुनिया में आज चीनी लोग जी रहे हैं, वो उन्हें नहीं मिल पाती।
उन्होंने चीनी सेना को और मजबूत बनाने की बात की। जिनपिंग ने कहा कि चीन अपनी सेना का निर्माण अपनी संप्रभुता की रक्षा, सुरक्षा और विकास के लिए करेगा और इसे विश्वस्तरीय बनाएगा।