जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। बीते साल लद्दाख में LoC पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव के बाद इस कंपनी के ठेके पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब खबर मिल रही है कि दिल्ली- मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए अशोक नगर और साहिबाद के बीच करीब साढ़े 5 किलोमीटर लंबे बनने जा रहे अंडरग्राउंड स्ट्रैच का ठेका नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) ने एक चीनी कंपनी को फिर से दे दिया है। इस चीनी कंपनी का नाम है शांधाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी, जिसने प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई थी।
आपको बता दे कि पिछले साल जून में इस कॉन्ट्रैक्ट को दिए जाने के बाद भारी विवाद हुआ था। तब देश में चीन विरोध की बयार चल रही थी। तब सबसे कम बोली लगाने वाली चीनी कंपनी शांधाई टनल इंजीनियरिंग का ठेका सीमा पर तनाव के चलते रोक दिया गया था। लेकिन एक बार फिर चीनी कंपनी को ठेका देने की बात सामने आने से विवाद गहरा गया है।
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जबकि इस मामले पर NCRTC का कहना है कि चीनी कंपनी को नियमों के तहत ये ठेका दिया गया है। NCRTC ने अपने बयान में कहा की बोली लगाने वालों में बहुस्तरीय एजेंसियां शामिल होती हैं और इसके लिए कई स्तरों पर मंजूरी लेनी होती है। इस बोली का ठेका भी तय नियमों के तहत दिया गया था। अब इस दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ प्रोजेक्ट का काम तेजी से चलेगा और काम वक्त पर पूरा किया जाएगा।
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जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS प्रोजेक्ट को एशियन डेवलपमेंट बैंक फंड कर रहा है और इस प्रोजेक्ट का कामकाज भी एशियन डेवलपमेंट की गाइडलाइंस पर हो रहा है।
ADB की गाइडलाइंस के मुताबिक सभी सदस्य देशों की कंपनियां बिडिंग में भाग ले सकती हैं। अब चूंकि चीन एडीबी का सदस्य देश हैं इसलिए किसी भी तरह भारत चीनी कंपनी को इस प्रोजेक्ट से सिर्फ इस आधार पर बाहर नहीं कर सकता क्यों कि ये एक चीनी कंपनी है।
अब देखना ये होगा की इस विशेष प्रोजेक्ट का ठेका चीनी कंपनी को मिलने के बाद विरोध के स्वर फिर उठ सकते है और सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों के क्या विचार सामने आते है ?
क्या है दिल्ली- मेरठ RRTS प्रोजेक्ट
दिल्ली और मेरठ के बीच सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के इस प्रोजेक्ट को फरवरी 2018 में मंजूरी दी थी। 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी आरआरटीएस (RRTS) को पूरा करने में कुल 30,274 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली और मेरठ तक के सफर में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा। 82.15 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा।
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