जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले पांच महीने से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। लद्दाख स्थित एलएसी पर भारत और चीन के बीच अभी तक विवाद सुलझ नहीं पाया है कि खबर है कि चीनी सेना ने भूटान के क्षेत्र के दो किलोमीटर अंदर एक गांव बसा लिया है।
जहां चीन ने गांव बसाया है वह डोकलाम की उस जगह से महज 9 किमी दूर है, जहां 2017 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति पैदा हुई थी।
भारत के लिए चीन के एक गांव का भूटानी क्षेत्र में बसना खासा चिंता का विषय है, क्योंकि भारतीय सेना ही भूटान के क्षेत्र की रक्षा के लिए भी जिम्मेदार है।
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चीन की इस शातिर योजना का खुलासा चीनी न्यूज चैनल CGTN के सीनियर प्रोड्यूसर शेन शिवेई के ट्वीट्स के जरिए हुआ है। हांलाकि बाद में इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया गया।
इन तस्वीरों में डोकलाम इलाके में चीनी गांव होने की बात कही गई थी। साथ ही इसकी ठीक लोकेशन भी दी गई थी। बताया गया है कि चीन का यह नया गांव- पांगड़ा भूटान के क्षेत्र में दो किलोमीटर अंदर है और सलामी स्लाइसिंग का बड़ा उदाहरण है।
Here’s a CGTN news producer openly admiting that China has occupied and now populated part of a sovereign country. This Pangda village has been constructed (as shown by the included map) ~2.5km beyond Bhutan’s international border. China now baselessly claims about 12% of Bhutan. https://t.co/3TxNSffYdJ pic.twitter.com/fEAgWXk7Ln
— Nathan Ruser (@Nrg8000) November 19, 2020
मीडिया ग्रुप एनडीटीवी के पत्रकार विष्णु सोम ने चीनी के गांव बसाने से जुड़ी कुछ सैटेलाइट फोटोज भी शेयर की हैं। इसके अलावा कुछ स्वतंत्र ट्विटर हैंडल्स ने भी भूटान के क्षेत्र में चीनी गांव होने की बात कही है।
2. Let me make it more clear – comparing his map location (top image) with the actual ground position (bottom). pic.twitter.com/cH67wV4uyC
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) November 19, 2020
भारत और चीन पहले ही पूर्वी लद्दाख में उलझे हुए हैं। जून में गलवान घाटी में हुए टकराव में जहां भारतीय सेना के 20 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, वहीं चीन के भी कई जवानों की जान गई थी। इसके बाद से दोनों ही देश लद्दाख में हजारों की संख्या में जवान इकट्ठा कर चुके हैं।
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बताया गया है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हाल ही में जो बैठक हुई थी, उसमें पैंगोंग सो और अन्य आमने-सामने वाली जगहों से पीछे हटने की योजना पर चर्चा हुई थी।