Tuesday - 29 October 2024 - 6:44 PM

वुहान लैब पर ‘अमेरिका की रिपोर्ट’ को चीन ने बताया झूठा

जुबिली न्यूज डेस्क

रविवार को अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक खबर प्रकाशित किया था जिसमें लिखा था कि 2019 नवंबर में वुहान लैब के तीन शोधकर्ता किसी ऐसी बीमारी से जूझ रहे थे जिसके “लक्षण कोविड-19 और आम सर्दी-ज़ुकाम, दोनों से मेल खाते थे।”

चीन ने वुहान लैब को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट को झूठा बताया है। चीन ने कोरोना संक्रमण की शुरुआत से पहले वुहान शहर में तीन शोधकर्ताओ के बीमार होकर अस्पताल जाने की खबर को ‘पूरी तरह झूठ’ करार दिया है।

चीन शुरू से ही ऐसे दावों को गलत बताता रहा है कि कोविड-19 उनकी किसी प्रयोगशाला से लीक होकर आम लोगों के बीच फैला है।

पहली बार चीन ने 31 दिसंबर, 2019 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को जानकारी दी थी कि वुहान में निमोनिया के केस अचानक बढ़ गए हैं।

इसके बाद ही कोरोना वायरस की पहचान हुई और देखते ही देखते यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 34 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

संक्रमित नहीं हुआ वुहान लैब का कोई स्टाफ

सोमवार को पत्रकारों ने जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिजियान से सवाल किया तो उन्होंने ऐसी खबरों को झूठा बता दिया।

ये भी पढ़े: कोरोना मरीजों में एक लाख कोरोनिल किट बांटेगी हरियाणा सरकार

ये भी पढ़े:अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी ने लोगों से किया संवाद

ये भी पढ़े:कोरोना : DM के इस फरमान से क्यों मुश्किल में सरकारी कर्मचारी 

उन्होंने कहा, “वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी ने 23 मार्च को बयान जारी किया था। उस बयान के अनुसार वहां पर 30 दिसंबर, 2019 से पहले कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया था और अभी तक यहां का कोई भी स्टाफ या छात्र संक्रमित नहीं हुआ है।”

ये भी पढ़े:  RLD के अध्यक्ष चुने गए जयंत चौधरी, 2022 में होगी बड़ी सियासी परीक्षा 

ये भी पढ़े: टूलकिट मामले में राहुल गांधी ने क्या कहा? 

लिजियान ने कहा, “इसी साल जनवरी में चीन और डब्ल्यूएचओ की संयुक्त टीम ने कई संस्थानों का दौरा किया जिनमें वुहान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी भी शामिल थे।”

“इसके साथ ही बायोसेफ्टी प्रयोगशालाओं का दौरा करके वहां के विशेषज्ञों से खुलकर बात की गई। इन सबके बाद एकमत से यह कहा गया कि इस वायरस के किसी लैब से लीक होने के दावों के सच होने की संभावना न के बराबर है।”

लिजियान ने इस पूरे मामले को लेकर अमेरिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मैं यह भी बताना चाहूंगा कि ऐसी बहुत सारी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि साल 2019 के दूसरे हिस्से में दुनिया भर में वायरस और कोविड-19 महामारी के मौजूद होने की बात कही गई है।”

“साथ ही फोर्ट डेट्रिक में मौजूद बायोलॉजिकल लैब और दुनिया भर में 200 से अधिक बायो-लैब बनाने के पीछे अमेरिका के असल मकसद को लेकर भी को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता है।”

लिजियान ने पूछा, “लैब से लीक होने की थ्योरी को बार-बार उछालने के पीछे अमेरिका का असल मकसद क्या है? वह इस वायरस के मूल का पता लगाने को लेकर गंभीर है या फिर ध्यान बटाने की कोशिश कर रहा है?”

ये भी पढ़े:कोरोना कमजोर लेकिन मौतों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं 

ये भी पढ़े:सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के साथ नमाज़ की तैयारी करेगी यह मस्जिद

ये भी पढ़े:26 मई को किसानों का विरोध दिवस! 12 विपक्षी दलों का भी समर्थन लेकिन मायावती…

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका के संबंधित विभाग इस बारे में दुनिया को जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देंगे।

लिजियान से पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह पुष्टि कर सकते हैं कि नवंबर 2019 मे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी के तीन सदस्य बीमार होकर अस्पताल गए थे या नहीं?

इस सवाल पर उन्होंने कहा, “मैंने वुहान इंस्टीट्यूट के बयान के आधार पर चीन का पक्ष स्पष्ट कर दिया है। इसलिए जिस रिपोर्ट में इंस्टीट्यूट के तीन सदस्यों के बीमार होने की खबर है, वह पूरी तरह झूठी है।”

क्या लिखा था वॉल स्ट्रीट जर्नल ने?

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर के अनुसार वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के तीन शोधकर्ता नवंबर 2019 में बीमार पड़े थे और उन्होंने अस्पताल की मदद मांगी थी।

अखबार ने यह खबर एक खुफिया अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से छापी थी।

ये भी पढ़े: कोरोना के बीच ब्लैक फंगस मचा रहा तांडव

ये भी पढ़े: प्रियंका के ‘जिम्मेदार कौन’? के अभियान से सरकार की उड़ेगी नींद

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com