जुबिली न्यूज़ डेस्क
पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच पिछले नौ महीने से चल रहे तनाव में बीते कुछ दिनों में कमी आई है। दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटी हैं। वहां कई महीनों से तैनात किए गए हथियारों को भी वापस ले जाया गया है, लेकिन पैंगोंग से पीछे हटे जवानों को चीन ने एलएसी के पास ही तैनात कर रखा है।
Recent imagery from Rutog's Military Garrison (developing since late 2019) suggests sections of the disengaged #China PLA troops have been relocated here post the agreement with #India last week, this base however would serve future PLA activity for the #PangongTso area pic.twitter.com/l1hy30qitD
— d-atis☠️ (@detresfa_) February 22, 2021
सामने आई सैटेलाइट की ताजा तस्वीर में दावा किया गया है कि चीन ने पीएलए जवानों को रुटोग काउंटी बेस पर भेज दिया है। इसके बाद हमेशा से धोखाधड़ी करने वाले ड्रैगन की मंशा पर फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं।
रुटोग का यह बेस पैंगोंग सो इलाके से सिर्फ 100 किलोमीटर और मोल्डो से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पर साल 2019 से ही काम चल रहा था। यहां पर चीन ने पीएलए को मजबूत करने के इरादे से हाल ही में एक हेलीपोर्ट का भी निर्माण किया है।
ओपन इमेजरी सोर्स @detresfa_ ने एक्सक्लूसिव तस्वीर जारी की है। तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया है, ”रुटोग मिलिट्री बेस की ताजा सैटेलाइट इमेज बताती है कि पिछले हफ्ते भारत से सहमति होने पर हटाए गए चीनी जवानों में से कइयों को यहां रिलोकेट किया गया है। यह बेस भविष्य में पैंगोंग इलाके के लिए चीनी सेना की गतिविधियों के लिए मदद करेगा।”
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रुटोग काउंटी में साल 2019 के आखिरी समय से काफी तेजी से निर्माण कार्य देखा गया है। सेना ने इस बेस पर गतिविधियों को तेज किया है। रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की साइट्स, हेलीपोर्ट्स, टैंक ड्रिल्स आदि की व्यवस्था तक की गई है। सैटेलाइट की तस्वीर में नए टैंट्स, प्री-फैब हीटेड केबिन्स आदि दिखाई दे रहे हैं।
आने वाले समय में पीएलए के जवान इन टैंट्स का इस्तेमाल एलएसी पर पहुंचने के लिए कर सकते हैं। हाल ही में चीन ने रुटोग काउंटी में सैन्य अभ्यास भी किया था, जिसका वीडियो भी बाद में जारी किया गया। इस अभ्यास में बड़ी संख्या में पीएलए के जवानों ने टैंकों के साथ हिस्सा लिया था और गोला-बारूद का जमकर इस्तेमाल किया। वीडियो में चीनी सैनिक टारगेट पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे थे।
पैंगोंग सो से हुए डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारत और चीन के बीच अन्य इलाकों से डिसइंगेजमेंट पर बातचीत हो रही है। हाल ही में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने 16 घंटे तक बातचीत की थी। चीनी पक्ष मोल्डो में हुई इस बैठक में दोनों पक्षों ने गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग प्लेन्स में डिसइंगेजमेंट पर चर्चा की थी।
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एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच बनी सहमति, अपना संवाद और संपर्क जारी रखने, जमीन पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रित करने तथा शेष मुद्दों का संतुलित और व्यवस्थित तरीके से समाधान करने पर भी सहमत हुए हैं।