जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। चीन का मानवरहित स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा। चीन की सरकारी मीडिया ने ये जानकारी दी है। शिन्हुआ ने चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से बताया कि चांग ई-5 स्पेसक्राफ्ट चांद के नियर साइड में उतरा।
चीन ने सेना के स्पेस प्रोग्राम में अरबों डॉलर खर्च किए हैं और 2022 तक मानव को चांद पर भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मिशन का उद्देश्य चांद से मिट्टी या पत्थरों का सैंपल लाना है ताकि वैज्ञानिक चांद की उत्पत्ति, गठन और ज्वालामुखी गतिविधि का पता लग सके।
ये भी पढ़े: Ind vs Aus : Video में देखें जडेजा की शानदार पारी
ये भी पढ़े: कोरोना के बीच सरकार को मिली ये राहत
चीन का एक अंतरिक्ष यान चंद्रमा से चट्टान के नमूने पृथ्वी पर लाने के उद्देश्य से चंद्रमा की सतह पर उतरा। 1970 के बाद से चंद्रमा से नमूने एकत्र करने का ये पहला अभियान है। चीनी प्रशासन की ओर से कहा गया कि ‘चांग’ ई-5′ अंतरिक्ष यान, निर्धारित स्थान पर रात 11 बजे (GMTअपराह्न 3 बजे) के कुछ देर बाद सफलतापूर्वक उतरा। लैंडर को 24 नवंबर को हैनान द्वीप से प्रक्षेपित किया गया था।
ये भी पढ़े: IIT से निकले इंजीनियरों को डेढ़ करोड़ रुपये का सालाना ऑफर
ये भी पढ़े: मुंबई के शेयर बाजार में क्यों पहुंचे यूपी के CM योगी
#China's Chang'e-5 completed its drilling procedure on the Moon and sealed its collected samples as of 4:53 a.m. BJT on Wednesday https://t.co/4ridlYE1ex pic.twitter.com/QPIqXSJDqX
— CGTN (@CGTNOfficial) December 2, 2020
चंद्रमा पर भेजा गया लैंडर दो दिन में सतह से दो किलोग्राम चट्टान और धूल के नमूने एकत्र करेगा। इसके बाद नमूनों को कक्षा में भेजा जाएगा और वहां से इन नमूनों को ‘रिटर्न कैप्सूल’ के जरिए पृथ्वी पर लाया जाएगा।
योजना के अनुसार महीने के मध्य तक अंतरिक्ष यान मंगोलिया में उतरेगा। यदि ये अभियान सफल रहता है तो 1970 के बाद से चंद्रमा से चट्टान के ताजा नमूने एकत्र करने वाला ये पहला सफल अभियान होगा।
ये भी पढ़े: युवक ने दूसरी जगह कर ली शादी तो प्रेमिका ने दुल्हन से लिया दर्दनाक इंतकाम
ये भी पढ़े: विवाह संबंधी इस कानून को खत्म कर सकती है योगी सरकार
आपको बता दे कि चंद्रमा की सतह पर 44 साल बाद ऐसा कोई अंतरिक्षयान उतरा है जो यहां से नमूना लेकर वापस लौटेगा। इससे पहले रूस का लूना 24 मिशन 22 अगस्त 1976 को चांद की सतह पर उतरा था। तब लूना अपने साथ चांद से 200 ग्राम मिट्टी लेकर वापस लौटा था। जबकि चीन का ये स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 2 किलोग्राम मिट्टी लेकर वापस आएगा।
चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और यूटू-2 रोवर के साथ लैंड किया था। बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं।
Live: Special coverage of China's #ChangE5 landing operation https://t.co/YlC9FdgjxM
— CGTN (@CGTNOfficial) December 2, 2020
चीन का मुख्य अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के नमूने को एक कैप्सूल में रखेगा और उसे फिर पृथ्वी के लिए रवाना कर देगा। इस पूरे मिशन में कम से कम 23 दिन लग सकता है। करीब 4 दशक बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई देश चंद्रमा के सतह की खुदाई करके वहां से चट्टान और मिट्टी पृथ्वी पर लाने जा रहा है। इस पूरे मिशन को चीन का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन कहा जा रहा है।
अगर चीनी मिशन सफल हो जाता है तो उसकी चंद्रमा के बारे में समझ बढ़ेगी और इससे उसे चंद्रमा पर बस्तियां बसाने में मदद मिलेगी। चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए लांग मार्च-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। यह रॉकेट तरल केरोसिन और तरल ऑक्सीजन की मदद से चलता है। चीन का यह महाशक्तिशाली रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है।
ये भी पढ़े: किसानों से नही बनी बात, अब चिल्ला बॉर्डर भी बंद
ये भी पढ़े: कौन चला रहा है खट्टर सरकार गिराने की मुहिम