जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले डेढ़ साल से भारत और चीन के बीच एलएसी पर गतिरोध जारी है। एक ओर जहां इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है तो वहीं इस सबके बीच चीन अपनी नापाक हरकतों को जारी रख रहा है।
सूत्रों के अनुसार चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में हाईवे और सड़क का निर्माण कर रही है। वैसे चीन द्वारा भारतीय सीमा पर निर्माण कार्य करने की खबरें इससे पहले भी आती रही हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख को लेकर सामने आये खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में चीनी सेना अतिरिक्त राजमार्ग और सड़कें बनाकर अपनी सैन्य चौकियों की संख्या को और बढ़ा रही है।
पिछले साल मई में लद्दाख में कई प्वाइंट्स पर भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध हुआ था। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य वार्ता भी हुई लेकिन इसका कुछ सुखद नतीजा नहीं निकला।
चीन ने अब तक हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग मैदानों में कब्जे वाले क्षेत्र से अब तक हटने का कोई इरादा नहीं दिखाया है। हालांकि गलवान घाटी, पैंगोंग झील और गोगरा से उसने अपनी शर्तों पर आंशिक रूप से सहमति जरूर व्यक्त की है।
मालूम हो कि गलवान घाटी, पैंगोंग झील और गोगरा, इन तीन सथानों से दोनों सेनाएं समान दूरी से पीछे हट गई हैं। वहीं चीन की चालबाजियों को देखते भारत भी हुए पूरी तरह सतर्क है।
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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत की सेना ने चीन की बढ़ती आक्रामकता और गतिविधि को देखते हुए सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ाया है।
वहीं पूर्वी लद्दाख के गतिवरोध वाले क्षेत्रों में एलएसी पर अब दोनों तरफ से लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
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वहीं भारत की तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “भारतीय सेना सीमा पर 73 सड़कों का निर्माण कर रही है। एकमात्र चिंता यह है कि इस क्षेत्र में चीन के सैन्य बुनियादी ढांचे के तेजी से विस्तार की तुलना में हमारे काम की गति धीमी है। हालांकि सड़कों के निर्माण के बाद सीमा पर चौकियों पर तेजी से तैनाती और बेहतर रखरखाव हो सकेगा।”