जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. अपने सभी पड़ोसी देशों की ज़मीनों पर कब्ज़ा करते हुए अपना क्षेत्रफल बढ़ाते जाने वाले चीन ने अब म्यांमार सीमा पर दो हज़ार किलोमीटर लम्बी दीवार बनाना शुरू कर दिया है. कंटीले तारों से बनाई जा रही इस दीवार का म्यांमार ने विरोध किया है तो दूसरी तरफ अमेरिका ने कहा है कि आने वाले दिनों में दक्षिण एशिया क्षेत्र में संघर्ष और उथल-पुथल बढ़ सकती है.
म्यांमार सीमा पर कटीले तारों से छह से नौ मीटर ऊंची बन रही इस दीवार के बारे में चीन का दावा है कि वह यह दीवार म्यांमार से लगातार हो रही घुसपैठ को रोकने के मकसद से कर रहा है. उधर चीन से ही यह खबर भी आ रही है कि चीन इस दीवार के ज़रिये असंतुष्टों को चीन से फरार होने में रोक पाने में कामयाब होगा.
चीन की इस दीवार का विरोध करते हुए म्यांमार की सेना ने कहा है कि यह दीवार 1961 में हुई संधि की अवहेलना है. इस संधि में कहा गया है कि सीमा के दस मीटर इलाके में किसी ढाँचे का निर्माण नहीं किया जा सकता.
रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक़ चीन साल 2022 तक यह दीवार तैयार कर उसमें करेंट दौड़ा देगा. इस दीवार में इन्फ्रारेड सेंसर के साथ ताकतवर कैमरे लगाए जायेंगे. इन कैमरों से चीन के उन असंतुष्टों पर नज़र रखी जायेगी जो चीन से फरार होकर म्यांमार और वियतनाम में छुप जाते हैं.
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अमेरिका का मानना है कि आने वाले दिनों में चीन की वजह से दक्षिण एशिया में संघर्ष बढ़ेगा और उथल-पुथल बढ़ेगी. चीन की दखलंदाजी भारत-पाकिस्तान विवाद में भी रही है. वह दुनिया को दिखाता यह है कि वह भारत-पाकिस्तान का विवाद खत्म करा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा नज़र आता है. पाकिस्तान का साथ देकर चीन भारत की ताकत एशिया में कम करने की कोशिश में लगा है.