जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. भारत सरकार के माकूल जवाब के बाद चीन ने यू टर्न लेते हुए चीन में पढ़ाई कर रहे बीस हज़ार से ज्यादा उन भारतीय छात्रों को वापस चीन लौटने की इजाज़त दे दी है जिन्होंने कोरोना काल में स्वदेश लौटने में ही भलाई समझी थी. कोरोना खत्म होने के बाद भारतीय छात्रों ने जब चीन वापस लौटने का फैसला किया तो चीन की सरकार ने भारतीय छात्रों को वापस लेने में अड़ंगे लगा दिए. इस संबंध में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के सामने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने वादा भी किया लेकिन किया कुछ नहीं.
भारतीय छात्रों के भविष्य के मद्देनज़र भारत सरकार ने भी सख्त कदम उठाते हुए चीनी पर्यटकों के वीजा निरस्त करने का फैसला किया. भारत सरकार के इस कदम के बाद चीन ने भारतीय छात्रों से वापसी के लिए फ़ार्म में माँगी गई ज़रूरी जानकारी भरकर आठ मई तक सबमिट करने को कहा है.
चीन में 20 हज़ार से ज्यादा भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. चीन ने भारत से वादा किया है कि भारतीय छात्रों के साथ चीन में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा क्योंकि उनकी पढ़ाई को फिर से शुरू कराना राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
उल्लेखनीय है कि साल 2019 में कोरोना महामारी चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी और देखते ही देखते पूरी दुनिया में छा गई. कोरोना आते ही चीन में पढ़ रहे सभी विदेशी छात्र अपने-अपने देश लौट गए लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद जब विदेशी छात्रों ने वापसी की कोशिश शुरू की तो चीन ने जिन देशों के छात्रों को वापसी की इजाज़त नहीं दी उसमें भारत का नाम भी शामिल था.
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