जुबिली न्यूज़ डेस्क
साल 2020 में एक तरफ देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था तो दूसरी तरफ चीन से। जी हां चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर पिछले साल गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में चीन के चार सैनिक मारे गये थे इस बात को अब चीन ने कबूल कर लिया है। इससे पहले चीन सैनिकों की मौत को लेकर चुप्पी साध रखी थी।
हालांकि अभी भी ये बताया जा रहा है कि चीन मारे गये सैनिकों की असली संख्या को छिपा रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल मई में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी।इस झड़प में चीन के कई सैनिको की मौत हुई थी।
बताया जा रहा है कि चीन ने पहली बार ये माना है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में उसके 4 सैनिक मारे गए थे। चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने शुक्रवार को उन्हे फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि से नवाज़ा है। मालूम हो कि चेन होंगजुन को नायक की मानद उपाधि से नवाजा गया है, जबकि तीन अन्य सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया है।
वहीं, इस झड़प में जवानों का नेतृत्व करने वाले एक कर्नल क्यूई फेबाओ को “नायक कर्नल” की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। ये भी झड़प के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
बता दें कि रूस की न्यूज एजेंसी तास ने इस बात का दावा किया है कि पिछले साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के दौरान पूर्वी लद्दाख के गलवान में हुए खूनी संघर्ष में चीन के लगभग 45 सैनिक मारे गए थे। यही नहीं भारतीय सेना ने भी एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) सहित 20 जवान शहीद हुए थे। हालांकि, चीन ने इसकी कभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की कि इस झड़प में उसके कितने चीनी जवान मारे गए थे।
गौरतलब है कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बेहद खराब हुई जब पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हुई। साथ ही दोनों तरफ से पथराव भी हुआ था, इसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही थी।
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हालांकि दो दिन बाद दोनों पक्ष ‘अलग’ हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसके बाद एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास हुई। जहां दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।