जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जानलेवा और त्रासद साबित हुई है। भारत की स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से ठप हो गई है और बुनियादी जरूरतों के लिए भी अस्पताल जूझ रहे हैं। मौतों का आंकड़ा डराने वाला हो गया है।
अभी पूरा भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ ही रहा है कि तीसरे लहर की भी आने की बात हो रही है। कहा जा रहा है कि तीसरा लहर बच्चों के लिए खतरनाक है। यह चिंता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि बच्चों के लिए देश में अब तक एक भी कोरोना वैक्सीन नहीं है।
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फिलहाल तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारी शुरू हो गई है। राहत की खबर है कि भारत में जल्द ही बच्चों के लिए वैक्सीन मिल जाएगी, क्योंकि इसके वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है।
ड्रग कंट्रोलर जनलर ऑफ इंडिया ने गुरुवार को भारत बायोटेक को 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने के लिए कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के लिए ट्रायल की मंजूरी दे दी।
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भारत में कोरोना का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरु हुआ। सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिया गया था। वर्तमान में 18 से 44 साल के लोगों को टीका दिया जा रहा है।
भारत में जिस तरह से कोरोना महामारी फैली हुई है उससे निजात पाना आसान नहीं है। कहा जा रहा है इस पर नियंत्रण तभी होगा जब टीकाकरण की रफ्तार तेज होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में अब तक 17.70 करोड़ लोगों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है।
मंत्रालय ने कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 4,17,321 लाभार्थियों ने अपनी पहली खुराक ली। टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के टीके लगवाने वाले इस श्रेणी के कुल लोगों की संख्या 34,66,895 हो गई।
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