स्पेशल डेस्क
कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ लेकिन इस दौरान देश के कई हिस्सों से ऐसी कई मार्मिक तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहें हैं, जिससे पता चलता है यह लॉकडाउन गरीबों के लिए कितनी बड़ी परेशानी बनकर सामने आया है। मजदूर अपने घर जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर है। लॉकडाउन में हजारों मजदूरों की बेबसी और लाचारी अब किसी से भी छिपी नहीं है। इसका एक और ताजा मामला तब देखने को मिला जब लॉकडाउन के बीच एक बच्चा पैदल चलने से इतना थक चुका था कि सूटकेस पर सो गया और उसकी मां बेचारी बेबस होकर उस सूटकेस को सडक़ पर घसीटने पर मजबूर हो गई।
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बेटे के सूटकेस पर सोने की वजह से सूटकेस का वजन और ज्यादा बढ़ गया है लेकिन एक मां अपने घर वापस लौटने के लिए इतनी बेचैन है उसे इस सूटकेस के भार का कोई गम नहीं है। हालांकि सूटकेस का वजह बढ़ जाने के बावजूद उसकी रफ्तार में कोई कमी नहीं है। जानकारी के मुताबिक यह महिला यूपी के आगरा से होते हुए अपने घर लौटने के लिए पैदल सफर कर रही है। महिला झांसी जाना चाहती है।
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In a heartbreaking video, a little boy is seen asleep on a suitcase as his migrant parents take a long journey home from Punjab to Uttar Pradesh#MigrantLabourers #CorornavirusLockdown pic.twitter.com/FmEpzGNJQy
— NDTV (@ndtv) May 14, 2020
सोशल मीडिया पर तस्वीर तेजी से वायरल भी हो रही है और देखा जा सकता है कि बच्चा सूटकेस पर सोया हुआ है। मजदूरों का यह समूह पंजाब से पैदल चल कर आ रहा है और झांसी जाना चाहता है। हालांकि अभी सफर 800 किलोमीटर बाकी है।
कुल मिलाकर देखा जाये तो कोरोना ने गरीबों की कमर तोड़ दी है। आलम तो यह है कि बेबस और लाचार मजदूरों के पास कोई काम नहीं बचा है और खाने के लिए पैसा भी नहीं है। भले ही सरकार इनकी मदद की बात कह रही है लेकिन अब भी कई लोग सरकारी मदद से कोसो दूर है।
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