Saturday - 2 November 2024 - 7:01 PM

गंभीर बीमारी से जूझ रहा बच्चा बना स्टार, जानें मेसी की कहानी

जुबिली न्यूज डेस्क 

फीफा विश्व कप टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला गया। अर्जेंटीना की कमान लियोनल मेसी के हाथों में थी। अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे 35 साल के मेसी ने अर्जेंटीना को चैंपियन बना ही लिया। मौजूदा समय में मेसी दुनिया के सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाते हैं, लेकिन कभी वो वक्त भी था जब मेसी को खुद खुद नहीं पता था कि वह फुटबॉल की दुनिया में इतना बड़ा नाम बनेंगे।

फुटबॉल मेसी के खून में था

बता दे कि साल 1987 में मेसी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे और उनकी मां सफाई का काम करती थीं। मेसी के पिता एक फुटबॉल क्लब में कोच थे। ऐसे में फुटबॉल मेसी के खून में था। सिर्फ पांच साल की उम्र में मेसी एक फुटबॉल क्लब के साथ जुड़ गए। यहां उन्होंने खेल से जुड़ी बुनियादी चीजें सीखीं। आठ साल की उम्र में मेसी न्यूवैल ओल्ड बॉयज क्लब से जुड़ गए।

गंभीर बीमारी से जीतकर चैंपियन बने मेसी

दरअसल जब मेसी फुटबॉल की दुनिया में खुद का जमा रहे थे, तभी पता चला कि उन्हें ग्रोथ हार्मोने डिफिसिएंसी है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है और वह बौने रह जाते हैं। मेसी फुटबॉल की दुनिया में अपनी झलक दिखा चुके थे। रिवर प्लेट उन्हें अपने साथ रखने के लिए तैयार था, लेकिन उनके इलाज का खर्च नहीं उठा सकता था।

ऐसे हुआ बीमारी का इलाज

मेसी की बीमारी के बारे में जानकर उनके परिवार चिंतित था। इसी बीच बार्सिलोना ने छोटे फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम शुरू किया और मेसी इसमें चुन लिए गए। इसके बाद बार्सिलोना ने ही मेसी के इलाज का पूरा खर्चा उठाया और उन पर बीमारी का असर नहीं हुआ। मेसी प्रोफेशनल फुटबॉल में कदम रख चुके थे, लेकिन लगभग एक साल उनके यूरोप में सेटल होने में ही लग गया। वह अर्जेंटीना की बी टीम का हिस्सा बने और लगभग हर मैच में गोल किया। मेसी 14 साल तक इस टीम के साथ रहे।

2005 में पहला गोल

लगभग 17 साल की उम्र में मेसी ने बार्सिलोना के लिए डेब्यू किया। साल 2004 में उन्होंने अपना पहला मैच खेला और इस क्लब के लिए खेलने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने। मई 2005 में मेसी ने बार्सिलोना की मुख्य टीम के लिए पहला गोल किया। जून में उन्होंने सीनियर खिलाड़ी के रूप में बार्सिलोना के साथ अनुबंध किया और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सबसे ज्यादा 26 विश्व कप मैच खेल चुके

मेसी अब तक सात बार बेलोन डी’ओर, छह बार यूरोपियन गोल्डन शूज, बार्सिलोना के लिए 35 खिताब जीत चुके हैं। वह ला लिगा में 474 गोल कर चुके हैं। बार्सिलोना के लिए वह 672 गोल कर चुके हैं। 2006 विश्व कप में मेसी पहली बार नजर आए। तब से लेकर अब तक वह सबसे ज्यादा 26 विश्व कप मैच खेल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अर्जेंटीना के लिए सबसे ज्यादा 13 गोल किए हैं। मेसी ने 22 साल की उम्र में पहला बैलेन डी ओर खिताब जीता था। साल 2021 में वह बार्सिलोना से अलग हुए।

जर्मनी से हार के बाद मेसी की आंखों में आंसू

मेसी ने 2008 में मेसी ने बीजिंग ओलंपिक में अर्जेंटीना को स्वर्ण पदक दिलाया। हालांकि, 2010 विश्व कप में वह कोई गोल नहीं कर सके और उनकी टीम को भी हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उनकी टीम फाइनल में जर्मनी से हार गई और मेसी की आंखों में आंसू थे। मेसी की आखिरी ख्वाहिश विश्व कप जीतने की थी, जो साल 2022 में उन्होंने पूरी कर ली।

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