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यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे का सेवा विस्तार आज खत्म हो रहा है। सूत्रों की माने तो प्रदीप कुमार को तीसरा सेवा विस्तार मिल सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रजामंदी के बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इसका प्रस्ताव शासन को भेजा है।
सूत्रों की माने तो न्याय विभाग चाहता है कि विधानसभा में प्रमुख सचिव की नियुक्ति पिछले साल प्रमुख सचिव विधान परिषद की तर्ज पर हो। लेकिन, उनके अनुभव को देखते हुए सरकार उनका सेवा विस्तार फिर बढ़ाना चाहती है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उनके सेवा का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
बता दें कि न्यायिक सेवा के अफसर प्रदीप कुमार दुबे को इससे पहले दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है। उनका दूसरा सेवा विस्तार 30 अप्रैल को खत्म हो रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्यपाल के विधि परामर्शी रह चुके प्रदीप दुबे को जुलाई 2008 में प्रमुख सचिव संसदीय कार्य के साथ प्रमुख सचिव विधानसभा का अतिरिक्त कार्य दिया गया। 2011 में उन्हें प्रमुख सचिव विधानसभा नियुक्त किया गया।
आपको बता दें मायावती शासनकाल में प्रमुख सचिव बने प्रदीप दुबे अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में भी इसी पद पर रहे। अप्रैल 2017 में उनका रिटायरमेंट होना था, लेकिन अप्रैल 2017 में उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया। फिर अप्रैल 2018 में BJP सरकार में उपहार स्वरूप सीएम योगी ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया।