जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता। बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार आमने-सामने है लेकिन सोमवार दिल्ली बुलाए जाने के बाद खड़े हुए विवाद के बीच सोमवार को वे रिटायर हो गए हैं।
इसके साथ ही अलापन बंदोपाध्याय को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार बनाया गया है। इतना ही नहीं बंदोपाध्याय के रिटायर होने के बाद एचके द्विवेदी बंगाल के नए मुख्य सचिव होंगे।
बताया जा रहा है कि बंदोपाध्याय को तीन महीने का कार्यकाल विस्तार मिला था, जिसे खारिज करते हुए उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला लिया।बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर रार देखने को मिल रही है।
दरअसल मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले को लेकर अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तलवारे खींचती नजर आ रही है। मामला कुछ दिन पूर्व का है जब पीएम मोदी की चक्रवात यास से हुए नुकसान को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी और यहां तक कि मुख्य सचिव समय पर नहीं पहुंचे थे।
इसके बाद केंद्र ने देर किये बगैर मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब कर लिया था और उन्हें आज सुबह 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करना था लेकिन वो दिल्ली नहीं पहुंचे हैं। इसके बाद तो यहां तक कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार अब उनके खिलाफ एक्शन ले सकती है।
दूसरी ओर बनर्जी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने राज्य के कोविड की लड़ाई के बीच अलापन को केंद्र में ट्रांसफर करने के केंद्र के आदेश का पालन नहीं करेंगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कोई वजह नहीं दी थी। मैं हैरान हूं। मैंने फैसला किया है कि कोरोना के समय में हमें उनकी सेवाओं की जरूरत होगी। चाहे वह कोरोना हो या फिर यास, वे गरीबों, राज्य और देश के लिए अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे। बंदोपाध्याय को तीन महीने का कार्यकाल विस्तार मिला था, जिसे खारिज करते हुए उन्होंने रिटायरमेंट का फैसला लिया।
इससे पहले मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा है- ‘बंगाल सरकार इस महत्वपूर्ण समय पर अपने मुख्य सचिव को नहीं भेज सकती है, और इसलिए नहीं भेज रही है।