जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। दरअसल पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी रार देखने को मिल रही है।
पंजाब में जहां कैप्टेन बनाम सिद्धू के बीच रार देखने को मिली वैसा अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच देखने को मिल रहा है।
बताया जा रहा है कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री न बनाए जाने से टीएस सिंहदेव इन दिनों काफी नाराज चल रहे हैं। इस मामले को सुलझाना अब कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
ऐसे में अटकले लग रही है छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन होने की तैयारी है। इसको बल तब मिला जब 25 विधायकों के दिल्ली जाने की बात सामने आई है।
हालांकि अब इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आ रहा है। उन्होंने साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ को किसी भी तरह से पंजाब नहीं बनने देंगे। उन्होंन कहा कि छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ रहेगा पंजाब नहीं बन सकता है।दोनों में कोई भी समानता नहीं है। 25 विधायकों के दिल्ली जाने के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा है कि जो विधायक दिल्ली गए हैं, वो जाने को स्वतंत्र है, घूमकर आ जाएंग।
छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य जहां कांग्रेस 90 विधानसभा सीट में से 70 पर काबिज है. पूरे देश में अगर कहीं कांग्रेस सबसे ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है तो इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ है।
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बदलाव की आहट के बीच छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पारा एकाएक बढ़ता नजर आ रहा है। भूपेश बघेल कैंप के विधायकों हो या फिर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव कैंप के विधायकों ने अपनी बात कांग्रेस के सामने कई बार रख चुके हैं।
सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच चल चल रही तनातनी की स्थिति को देखते हुए विधायकों का दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म है कि सीएम का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने के प्रयास है।
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हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है। बताते चलें कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे।
सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।