जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। दीपावली के छठे दिन यह त्यौहार मनाया जाता है इसी वजह से इसका नाम छठ पड़ा। छठ पहले सिर्फ बिहार में मनाया जाता था। आज भी बिहार में गंगा के चौड़े तट पर छठ पूजा की छटा देखते ही बनती है।
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रोज़गार के लिए बिहार के लोग जिन-जिन राज्यों में गए वहां-वहां तय त्यौहार भी चला गया। अब तो छठ उत्तर प्रदेश से दिल्ली और मुम्बई तक पहुँच चुका है। इस त्यौहार की वजहों को जानने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इसमें शामिल होते गए और धीरे-धीरे यह पूरे देश का त्यौहार बन गया।
छठ पूजा 2022 खरना मुहूर्त
- कार्तिक माह की पंचमी तिथि का दिन खरना कहलाता है
- इसे लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है
- खरना के दिन महिलाएं शाम को मीठा भोजन कर व्रत शुरू करती हैं
- सूर्योदय – प्रात: 06 बजकर 31 मिनट पर
- सूर्योस्त – शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
खरना 2022 शुभ योग
- रवि योग – 06.31 AM – 09.06 AM
- सुकर्मा योग – 10.23 PM – 07.16 PM, अक्टूबर 30
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छठ यूं तो विशुद्ध धार्मिक पर्व है लेकिन इसका वैज्ञानिक महत्व भी है. छठ पूजा जिन दिनों होती है उन दिनों सूर्य की पराबैगनी किरणों का प्रभाव सबसे ज्यादा ज़मीन पर पड़ता है। सूर्य को अर्ध्य देने और छठ पूजा के दौरान जलने वाली अग्नि से पराबैगनी किरणों का असर कम हो जाता है।
छठ चार दिनों का पर्व है। पहले दिन सेंधा नमक, घी से बना अरवा चावल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में दी जाती है. अगले दिन से उपवास शुरू हो जाता है। दिन भर के उपवास के बाद शाम को पूजा के बाद प्रसाद में खीर मिलती है जिसे खरना कहते हैं. तीसरे दिन सूर्य को दूध अर्पित किया जाता है. आख़री दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही छठ पर्व सम्पन्न हो जाता है।
बिहार में छठ को बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। बिहार में बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार भी छठ का त्यौहार मनाते हैं. मुसलमानों ने छठ को इसलिए अपना लिया क्योंकि इसमें मूर्ति पूजा नहीं होती।