Monday - 28 October 2024 - 10:22 AM

ऐसा था चेतन चौहान का सफर…

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कोरोना लगातार खतरनाक हो रहा है। आलम तो यह है कि जो इसकी गिरफ्त में आता है उसकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। हालांकि कुछ लोग कोरोना को हराकर अपनी जिंदगी नई शुरुआत करते नजर आ रहे हैं लेकिन इस दौरान कई लोगों को कोरोना ने निगला है।

क्रिकेट की पिच पर गेंदबाजों के होश उड़ाने वाले चेतन चौहान कोरोना की जंग हार गए है। दरअसल यूपी सरकार में मंत्री रहने वाले चेतन चौहान पिछले काफी समय से कोरोना से लड़ रहे थे। इतना ही नहीं कोरोना की चपेट में आने के बाद उन्हें अस्तपाल में भर्ती कराया गया था लेकिन रविवार की शाम उनकी जिंदगी की आखिरी शाम साबित हुई है।

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चेतन चौहान को 12 जुलाई को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाये जाने के बाद लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत में सुधार नहीं आने के बाद उन्हें गुरुग्राम में मेदांता अस्पताल में भर्ती करया गया। उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और वह शुक्रवार की रात को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

लगभग 4:30 बजे चेतन चौहान का निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। चेतन चौहान कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे। चेतन चौहान राजनीति में आने से पहले देश के शानदार क्रिकेटर भी थे। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। योगी सरकार में चेतन चौहान होमगार्ड मंत्री थे लेकिन उससे पहले वो काफी समय तक खेल मंत्री भी रह चुके हैं।

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डॉ. आरपी सिंह ने चेतन चौहान से जुड़ी यादों किया साझा

उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह ने जुबिली पोस्ट को बताया कि चेतन चौहान का अचानक से जाना खेल जगत के लिए बहुत बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री के तौर पर उन्होंने यूपी में खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि अक्सर वो मुझसे कहते थे कि हम लोग खिलाड़ी है, इसलिए हम लोगों से बेहतर खिलाडिय़ों के दर्द को कोई नहीं जानता है। उन्होंने बताया कि खेल मंत्री के तौर पर उनकी प्राथमिकता हमेशा खिलाडिय़ों को अच्छी सुविधा देने पर रहती थी।

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डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि खेल मंत्री से हटने के बावजूद खिलाडिय़ों की मदद करने के लिए आगे आते थे। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी उनसे मदद मांगने के लिए जाता था तो फौरन मुझे फोन करके कहते थे इस खिलाड़ी की मदद कर दो आरपी, गरीब है। उन्होंने कहा कि हर हफ्ते बैठक में यूपी के खेल को कैसे आगे बढ़ाया जाया इसके लिए जो भी योजना बने उसे लागू करने में विश्वास रखते थे।

जब इंग्लिश गेंदबाजों के उड़ाया था होश…

70 के दशक में सुनील गावस्कर के साथ दूसरे सलामी बल्लेबाज के तौर चेतन चौहान मैदान पर उतरते थे। उन्होंने सुनील गावस्कर के मिलकर तीन हजार रन बनाये है। 1979 में ओवल टेस्ट की बात की जाये तो इंग्लैंड के गेंदबाजों की दोनों ने मिलकर कमर तोड़ दी था। इस जोड़ी ने मिलकर 213 बनाकर उस समय की 203 रनों की सबसे लंबी पार्टनरशिप का रिकॉर्ड तोड़ा था।

  • करियर में नहीं जड़ पाये थे शतक
  • 73 साल के चेतन ने 1969 में टेस्ट क्रिकेट से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था
  • 1978 में उन्होंने वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया
  • 1970 के दशक में गावस्कर के साथ पारी की शुरुआत करते हुए खेले हैं
  • 1981 में करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला।
  • 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए थे
  • चेतन चौहान को 1981 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
  • 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए थे
  • टेस्ट मैचों में उनका सर्वोच्च स्कोर 97 रन है
  • सात एकदिवसीय मुकाबलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है
  • इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट में उनके नाम 153 रन
  • प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 11 हजार रन बनाए हैं।
  • 179 फस्ट क्लास मैचों में 40.22 की औसत से चेतन ने 11 हजार 143 रन बनाए

राजनीतिक सफर पर एक नजर

  • 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य अजमाया
  • बीजेपी टिकट से उतरे और नौगावां सादात विधानसभा सीट जीत दर्ज की
  • यूपी सरकार में खेल मंत्री बने
  • इसके बाद होमगार्ड मंत्री बने
  • भाजपा के टिकट पर 1991 में अमरोहा से लोकसभा पहुंचे थे
  • हालांकि 1996 में हार गए थे
  • 1998 में चेतन चौहान यहां से एक बार फिर सांसद चुने गए
Radio_Prabhat
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