जुबिली न्यूज़ डेस्क
देहरादून। तीर्थ पुरोहितों और अन्य संबंधित पक्षकारों के विरोध के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा खोल दी है। शुरुआत में स्थानीय लोगों को ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि जिन तीन ज़िलों में चार धाम स्थित हैं, वहीं के यात्री धाम में दर्शन को जा सकेंगे।
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर 30 जून तक स्थानीय निवासियों को दर्शन की अनुमति दी गई है।
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बद्रीनाथ के लिए जोशीमठ और आसपास के ग्रामीण, केदारनाथ में गुप्तकाशी, गौरीकुंड के लोग और गंगोत्री- यमुनोत्री में जानकी चट्टी और हनुमान चट्टी के लोग ही दर्शन कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है।
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के इस फ़ैसले का कड़ा विरोध किया है। अरुण वाजपेयी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा केदारनाथ धाम में तीर्थपुरोहितों के यात्रा न खोलने की सलाह को दरकिनार कर 800 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन यात्रा करवाने के आदेश का तीर्थ पुरोहित विरोध करते हैं।
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तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनकी राय तो ली लेकिन यह मात्र दिखावा थी। सरकार पहले ही अपना निर्णय ले चुकी थी।
तीर्थ पुरोहित आनंद बगवाड़ी ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा अन्य धामों से विषम है। वहां यात्रा शुरू करने से पहले रहने, खाने व स्वास्थ्य को लेकर व्यवस्थाएं बनाने में भी कई दिन लगते हैं। कोरोना महामारी में यात्रा खोलना सरकार का आपाधापी भरा कदम है, जिस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायक ने उठाये सवाल
केदारनाथ के कांग्रेस विधायक मनोज रावत के अनुसार यह सरकार का एकतरफा और तानाशाहीपूर्ण निर्णय है। अब अगर केदारनाथ में कोरोनाकाल के दौरान अगर कोई दुर्घटना होती है तो सरकार को ही इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने तीर्थपुरोहितों, केदारनाथ से जुड़े लोगों व खुद हमारी राय को दरकिनार कर यह फैसला थोपा है, यह र्दुभाग्यपूर्ण है।
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ये है नियम
हालांकि अभी यात्रा में भीड़ नहीं जुटेगी क्योंकि फिलहाल सीमित संख्या में ही यात्री जा सकेंगे। नए नियम के मुताबिक बद्रीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 लोग ही एक दिन में दर्शन कर सकेंगे।
दर्शन के समय के बारे में बताया गया है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सुबह सात से शाम के सात तक दर्शन कर पाएंगे। फिलहाल 30 जून तक स्थानीय लोग ही चारधाम यात्रा में दर्शन कर पाएंगे। यात्रियों को अपने ठहरने का इंतजाम खुद करना होगा। दर्शन में लोगों की भीड़ न लगे, इसके लिए टोकन सिस्टम शुरू किया जाएगा, लोगों को टोकन फ्री दिए जाएंगे।
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