जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के चेयरमैन सुरेश नारायण ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच उपभोक्ताओं के व्यवहार में बड़ा बदलाव आया है और अब वे लक्जरी की जगह जरूरी चीजों की खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के कारण उपभोक्ता खर्च के तरीके में बदलाव हुआ है और अब गुणवत्ता, सुरक्षा, पोषण तथा भरोसे को अधिक महत्व मिल रहा है, क्योंकि अनिश्चितता के इस वक्त में उपभोक्ता जांचे- परखे ब्रांडों को पसंद कर रहे हैं।
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नारायण ने कहा कि कोरोना के बाद आर्थिक संकट के कारण उपभोक्ताओं के खर्च करने के तरीके में बदलाव आया है और अब लक्जरी की जगह जरूरी चीजों की खरीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है।
साथ ही उपभोक्ता अब ई-कॉमर्स जैसे माध्यमों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं और लॉकडॉउन के पहले के मुकाबले इनका प्रसार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यदि आप ई-कॉमर्स को देखें तो अमेरिका ने जितना प्रसार आठ साल में हासिल किया, वो भारत में लॉकडाउन के आठ सप्ताह में हासिल किया गया।
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उन्होंने बताया कि ई-कॉमर्स की यह तेजी जारी रहने वाली है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालात के चलते नेस्ले भी ग्राहकों के साथ जुड़ने के लिए बदलाव के दौर से गुजर रही है।
नारायण ने कहा कि प्रत्येक व्यवसाय उपभोक्ताओं के व्यवहार में होने वाले बदलावों के चलते खुद को नए सिरे से तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि संकट के समय उपभोक्ताओं के साथ अलगाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा यदि हमारा उनसे अलगाव होगा तो उपभोक्ता के पास अन्य विकल्प हैं। अन्य कंपनियों की तरह नेस्ले की भी घरेलू इस्तेमाल वाले खंड में बिक्री बढ़ी है और उसने ‘मैगी- कुकिंग मेड सिंपल’ सेवा के तहत नए उत्पाद पेश किए हैं।
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