न्यूज़ डेस्क
भारत इतिहास रचने से एक कदम दूर रह गया। चाँद पर उतरने से पहले देश के लोगों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। शनिवार को चन्द्रयान 2 मिशन जब चन्द्रमा की सतह पर पहुँचने ही वाला थी कि महज 2.1 किलोमीटर दूरी पर इसरो से संपर्क टूट गया। इस बात की जानकारी खुद के इसरो के चेयरमैन के शिवन ने दी। उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम से मिले आकड़ों के बाद ही सही जानकारी मिल पायेगी।
इस दौरान इस ऐतिहासिक लम्हे को देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद इसरो मुख्यालय में मौजूद थे। पीएम के साथ ही 60-70 स्कूली बच्चे भी थे जिन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया। मोदी ने कहा, ‘जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। पूरा देश आप लोगों की मेहनत पर गर्व महसूस करता है।
वहीं, इसरो के अधिकारियों में ऐसा होने से निराश है जिनको पीएम मोदी ने सांत्वना दी और कहा कि, ‘जब मिशन बड़ा होता है तो निराशा से पार पाने का हिम्मत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं आप सब को बधाई देता हूं। आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की काफी सेवा की है। आगे भी प्रयास जारी रहेगा। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं।
इससे पहले इसरो प्रमुख के शिवन ने बताया कि लैंडर ‘ विक्रम’ योजना के अनुरूप उतर रहा था और सतह से 2.1 किलोमीटर दूर तक सबकुछ सामान्य था। उसके बाद विक्रम अपने तय रास्ते से थोड़ा हट गया और बाद में संपर्क टूट गया। विक्रम को रात 1:30 बजे से 2:30 बजे के बीच चांद की सतह पर उतरना था। 1:43 बजे पर लैंडर की गति को कम कर दिया गया और यहीं से लैंडिंग के सबसे मुश्किल 15 मिनट शुरू हुए। 1:49 बजे चांद से लैंडर चांद से महज 12 किमी दूर था। 1:50 बजे लैंडर चांद से महज दो किलोमीटर दूरी तक पहुंच चुका था। यहीं पर उसका रास्ता भटक गया और संपर्क टूट गया।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार रात एक बजकर 52 मिनट 54 सेकेंड पर चांद की सतह पर चंद्रयान-2 को लैंड करना था। ‘चंद्रयान-2’ को 22 जुलाई के दिन लांच किया गया था। इसके तीन प्रमुख हिस्से हैं- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पे लोड्स), लैंडर विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पे लोड्स) और एक रॉवर प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पे लोड्स)।