न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मिशन Chandrayaan-2 धीरे- धीरे सरप्राइज और घटनाक्रम भेज रहा है। इसी के साथ वह चांद के साऊथ पोल की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है। ISRO समय- समय पर इससे जुड़ी अपडेट्स भी साझा कर रहा है।
ताजे घटनाक्रम में Chandrayaan-2 ने चांद के सतह की कुछ तस्वीरें और भेजी है। दरअसल, चंद्रयान-2 के कैमरे ने चांद की कुछ और तस्वीरें भेजी हैं, जिसे ISRO साझा की हैं।
चंद्रयान-2 के टेरेन मैपिंग कैमरा (टीएमसी -2) द्वारा चांद की सतह की लगभग 4375 किमी की ऊंचाई पर से तस्वीरें ली हैं। इसरो के अनुसार इन तस्वीरों में जैक्सन, मच, कोरोलेव और मित्रा नामक स्थान दिखाई दे रहा है।
जैक्सन एक प्रभाव गड्ढा है जो चंद्रमा के सबसे दूर के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। यह 22.4 ° N और 163.1 ° W (इनसेट में दिखाया गया) पर 71 किमी व्यास का गड्ढा है। मच क्रेटर के पश्चिमी बाहरी रिम में दिलचस्प विशेषता एक और प्रभाव गड्ढा, मित्रा (92 किमी व्यास) है। इसका नाम प्रो।
शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर रखा गया है, जो एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और पद्म भूषण प्राप्तकर्ता थे, जिन्हें आयनमंडल और रेडियोफिजिक्स के क्षेत्र में अग्रणी काम के लिए जाना जाता था।
छवि में देखा गया कोरोलेव गड्ढा 437 किमी का गड्ढा है जिसमें कई छोटे आकार के अलग-अलग गड्ढे हैं। सोमरफेल्ड एक बड़ा प्रभाव गड्ढा है जो चंद्रमा के फ़ार्साइड उत्तरी अक्षांश में स्थित है। यह 65.2 ° N और 162.4 ° W पर 169 किमी व्यास का गड्ढा है। इसमें अपेक्षाकृत समतल आंतरिक भाग है जो रिंग पर्वत से घिरा हुआ है और कई छोटे क्रेटर रिम किनारे पर स्थित हैं।
क्रेटर का नाम डॉ. अर्नोल्ड सोमरफेल्ड के नाम पर रखा गया है, जो एक जर्मन भौतिक विज्ञानी परमाणु और क्वांटम भौतिकी के क्षेत्र में अग्रणी है।
इस क्रेटर के उत्तर पूर्व में अमेरिकी खगोलशास्त्री डैनियल किर्कवुड के नाम पर कर्कवुड क्रेटर स्थित है, जो एक अन्य सुव्यवस्थित प्रभाव वाला गड्ढा है जो लगभग 68 किमी व्यास का है।
#ISRO
Lunar surface imaged by Terrain Mapping Camera-2(TMC-2) of #Chandrayaan2 on August 23 at an altitude of about 4375 km showing craters such as Jackson, Mach, Korolev and Mitra (In the name of Prof. Sisir Kumar Mitra)For more images please visit https://t.co/ElNS4qIBvh pic.twitter.com/T31bFh102v
— ISRO (@isro) August 26, 2019
गौरतलब है कि अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भारत के चंद्रयान-दो उपग्रह से ली गई चंद्रमा की पहली तस्वीर गुरुवार को जारी की। यह उपग्रह वर्तमान में चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के शहर में स्थित मुख्यालय ने बताया कि चंद्रयान-2 के एलआई4 कैमरा ने चंद्रमा की यह तस्वीर उसकी सतह से 2,650 किलोमीटर की ऊंचाई से 21 अगस्त को ली थी।