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चंद्रयान-2: सात सितम्बर को उतरेगा चंदा मामा के घर

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। चंद्रयान-2 ने मंगलवार सुबह 9:02 मिनट पर चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने आज चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दाग कर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने के अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। लैंडर के सभी सिस्टम सही काम कर रहे हैं। उसके बाद 7 सितम्बर को चांद पर फाइनल लैंडिंग की जाएगी।

इससे पहले इसरो ने कहा था कि इसके बाद यान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।

इसरो के प्रमुख के. सिवन के अनुसार अगला अहम कदम दो सितम्बर को होगा, जब लैंडर को ऑरबिटर से अलग किया जाएगा। तीन सितम्बर को लगभग तीन सेकंड की एक छोटी-सी प्रक्रिया होगी, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लैंडर के सभी सिस्टम सही काम कर रहे हैं। उसके बाद सात सितम्बर को फाइनल लैंडिंग की जाएगी।

इसरो के मुखिया के सिवन ने बताया कि सात सितम्बर को सुबह 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा।

चंद्रयान-2 ने 22 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद पहली बार अपने एलआई4 कैमरे से पृथ्वी की तस्वीरें भेजीं थीं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 का सफर सोमवार को दिन के 2 बजकर 43 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुरू हुआ था। चंद्रयान-2 मिशन की लॉन्चिंग की तारीख पहले 15 जुलाई थी। बाद में इसे 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था।

मिशन की लॉन्चिंग की तारीख पहले आगे बढ़ाने के बावजूद चंद्रयान-2 चांद पर तय तारीख सात सितम्बर को ही पहुंचेगा। मंगलवार को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश कर लिया है।

इसरो का चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह चांद की कक्षा में स्थापित हो गया। इस तरह अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने बहुत बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 के सभी सिस्टम बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहे हैं।

इसरो ने कहा कि इस विशेष कार्यक्रम का काल 1,738 सेकेंड का था, जिसमें चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया। कक्षा 114 किलोमीटर गुणा 18,072 किलोमीटर की है। इसके बाद, चंद्रयान-2 को कई कक्षाओं में प्रवेश कराने के बाद, चांद की सतह से लगभग 100 किलोमीटर दूर चांद के ध्रुवों से गुजरते हुए इसकी अंतिम कक्षा में प्रवेश कराना होगा।

अंतरिक्ष यान पर बेंगलुरू स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क स्थित मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) द्वारा बेंगलुरू के पास बेलालू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) एंटीना की मदद से नजर रखी जा रही है। चंद्रयान-2 भारतीय जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) द्वारा 22 मई को प्रक्षेपित किया गया था।

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