न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने 22 फरवरी को चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी को नागपुर के रेशिम बाग मैदान में अपने कार्यकतार्ओं के साथ सभा करने की इजाजत दे ही है। आजाद ने 18 फरवरी को उच्च न्यायालय में रेशिम बाग में एक सभा आयोजित करने की इजाजत मांगते हुए याचिका दायर की थी।
आजाद द्वारा नागपुर पुलिस से इसकी इजाजत मांगी गई थी, लेकिन नागपुर पुलिस ने इस आधार पर उन्हें इजाजत नहीं दी कि बगल में ही आरएसएस मुख्यालय स्थित है और आजाद की विचारधारा आरएसएस के विरोधी होने से कानून -व्यवस्था का मामला बन सकता है।
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जिसके बाद अदालत ने महाराष्ट्र सरकार और नागपुर के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया था। पुलिस ने हलफनामा पेश कर अपनी बात रखी, लेकिन इससे न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ।
मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूँ। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नही दिया कल हम उनके हेडक्वार्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 21, 2020
चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं कल 2 बजे रेशमबाग नागपुर आ रहा हूं। फर्जी राष्ट्रवादियों का संगठन आरएसएस जिसने आज तक तिरंगे को सम्मान नही दिया कल हम उनके हेडक्वॉर्टर के सामने तिरंगा फहराएंगे। मैं चाहूंगा कि कल सभी साथी रेशमबाग तिरंगा लेकर पहुंचे और बता दें कि इनके भगवे पर हमारा तिरंगा भारी है।’
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वहीं चंद्रशेखर सभी से आह्वान कर चुके हैं कि 23 फरवरी को भारत बंद की तैयारी करें। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करता हूँ कि 23 फरवरी के भारत बंद में सहयोग करें।
The Nagpur bench of Bombay High Court allows Chandrashekhar Azad's Bhim Army to hold their workers meet at Reshim bagh grounds in Nagpur on February 22. (file pic) pic.twitter.com/x6S0YrvXjA
— ANI (@ANI) February 21, 2020
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बता दें चंद्रशेखर आजाद लगातार बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि सरकार सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर ‘झूठ को हवा’ को हवा दे रही है।
18 फरवरी को मुंबई पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को झटका दिया था। दरअसल पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को मुंबई में रैली करने की अनुमति नहीं दी थी।
मुंबई पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ आजाद मैदान में 21 फरवरी को रैली का आयोजन करने की इजाजत नहीं दी थी। पुलिस का कहना था कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई।
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