जुबिली स्पेशल डेस्क
झारखंड में इस साल विधान सभा चुनाव होने वाला है लेकिन वहां पर हेमंत सोरेन की पार्टी में हंगामा मचा हुआ है। इस हंगामे का सबसे बड़ा कारण झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन।
उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके बीजेपी के जाने की चर्चा काफी पहले से थी। दरअसल हेमंत सोरेन जब दोबारा सीएम बने तो चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी खाली करनी पड़ी।
इस वजह से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन न सिर्फ पार्टी बल्कि हेमंत सोरेन से काफी नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्होंने पार्टी छोड़ी और फिर कमल का फूल अपने हाथ में थाम लिया।
इस मामले पर हेमंत सोरेन ने चुप्पी साध रखी है और अपनी तरफ से किसी तरह का बयान जारी नहीं किया है। बता दें कि चंपई अब बीजेपी मेंजा रहे हैं और 30 अगस्त को पार्टी का दामन थामेंगे। इतना ही नहीं ल उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्य और झारखंड के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में रहने के बावजूद लगातार बीजेपी नेताओं से मिल रहे थे।
मामला तब ज्यादा खराब हो गया था जब . चंपई ने खुलकर जेएमएम की कार्यशैली का विरोध किया। वह मंत्री पद पर काबिज रहे, लेकिन अपनी ही सरकार को घेरते रहे लेकिन इसके बावजूद हेमंत सोरेन एक शब्द नहीं बोला और चुप्पी साध ली। जुबिली पोस्ट ने राजनीतिक के जानकारों से इस बारे में बात की तो सभी कहना था कि हेमंत सोरेन ने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया है और अपनी तरफ से कोई ऐसा कदम नहीं उठाया। चंपई को हेमंत सोरेन किसी तरह का मौका नहीं देना चाहते थे जिससे उनको पार्टी से बाहर किया जाता है और बाद में चंपई विक्टिम कार्ड खेलते। मगर जेएमएम ने ये मौका चंपई सोरेन को दिया ही नहीं।
हेमंत बार-बार कहते रहे कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है और कहा कि झारखंड क्रांतिकारियों की भूमि है. यहां अनेकों षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है।
उन्होंने बगैर नाम लिए ही बीजेपी पर जोरदार हमला बोला और इशारों में ये बता दिया कि बीजेपी लगातार उनकी सरकार को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने ये भी इशारों में कहा कि चंपई उनके भरोसेमंद साथी थे लेकिन बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत उनको अपने पाले में कर लिया।