जुबिली स्पेशल डेस्क
आखिरकार हेमंत सोरेन को गिरफ्तार होना पड़ा है। इतना ही नहीं केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) की गिरफ्तारी से पहले उनको झारखंड की सीएम कुर्सी तक छोडऩी पड़ी है।
पिछले काफी समय से केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) उससे लगातार पूछताछ कर रही थी और तब ऐसा लग रहा था उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। ऐसे हालातों में उन्होंने पहले अपने सभी विधायकों को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और सीएम की कुर्सी किसी और सौंपने पर बात की और फिर तय हुआ कि चंपई सोरेन को सीएम की जिम्मेदारी सौंपी जाये।
इसके बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया और फिर जिस बात का डर था वहीं हुआ और उनको फौरन गिरफ्तार भी कर लिया गया है। चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और उन्होंने सरकार बनाने का दावा भी पेश किया लेकिन राज्यपाल ने अभी तक उनको सीएम पद की शपथ नहीं दिलाई है।
इस सब ड्रामे के बीच अब सियासी संकट भी झारखंड में खूब देखने को मिल रहा है। हेमंत सोरेन का इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंजूर तो कर लिया है, लेकिन नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अब तक पद की शपथ नहीं ली है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिरकार कब उनको सरकार बनाने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कहते हैं।
चंपई सोरेन की तरफ से दावा कर दिया गया है कि उनके पास सभी विधायकों का समर्थन है और उनको सरकार बनाने के लिए न्योता मिलना चाहिए । उनकी तरफ से बकायदा एक वीडियो शेयर किया गया है कि जिसके दम पर 43 विधायकों के समर्थन की बात कह दी गई है।
इस पूरे प्रकरण से विधायक काफी नाराज है और वो राजभवन में मौजूद थे ताकि ये बताया जा सके सभी एकजुट है और उनके पास बहुमत का आंकड़ा भी है लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। देश के जाने-माने न्यूज चैनल की माने तो हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा जरूर दे दिया है, लेकिन अब भी कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करते रहेंगे। संविधान विशेषज्ञ पीडीटी अचारी के अनुसार मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद जब तक नए मुख्यमंत्री शपथ नहीं ले लेते, तब तक वही कार्यवाहक सीएम के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
उनके अनुसार गिरफ्तारी के बावजूद कार्यवाहक सीएम बने रह सकते हैं। ये राज्पाल का फैसला होता है। जब तक इस पद पर कोई दूसरा सीएम नहीं आता, तब तक जो सीएम इस्तीफा देते हैं, वो कार्यवाहक सीएम रहेंगे। अब देखना होगा राज्यपाल अगला कदम क्या उठाते हैं और कब नई सरकार का गठन होता है फिलहाल झारखंड में सियासी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है।