जुबिली स्पेशल डेस्क
आखिरकार हेमंत सोरेन को गिरफ्तार होना पड़ा है। इतना ही नहीं केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) की गिरफ्तारी से पहले उनको झारखंड की सीएम कुर्सी तक छोडऩी पड़ी है।
पिछले काफी समय से केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) उससे लगातार पूछताछ कर रही थी और तब ऐसा लग रहा था उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। ऐसे हालातों में उन्होंने पहले अपने सभी विधायकों को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और सीएम की कुर्सी किसी और सौंपने पर बात की और फिर तय हुआ कि चंपई सोरेन को सीएम की जिम्मेदारी सौंपी जाये।
इसके बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया और फिर जिस बात का डर था वहीं हुआ और उनको फौरन गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और उन्होंने सरकार बनाने का दावा भी पेश किया लेकिन राज्यपाल ने काफी समय लेने के बाद झारखंड में विधायक दल के नेता चंपाई सोरेन (Champai Soren) को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया है।चंपाई ने गुरुवार शाम साढ़े 5 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर एक बार फिर 47 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया. चंपाई सोरेन के सीएम पद पर शपथ लेने की तारीख का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा।
बता दे कि इस पूरे प्रकरण से विधायक काफी नाराज है और वो राजभवन में मौजूद थे ताकि ये बताया जा सके सभी एकजुट है और उनके पास बहुमत का आंकड़ा भी है लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने अभी कोई फैसला नहीं किया था। देश के जाने-माने न्यूज चैनल की माने तो हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा जरूर दे दिया है, लेकिन अब भी कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करते रहेंगे। संविधान विशेषज्ञ पीडीटी अचारी के अनुसार मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद जब तक नए मुख्यमंत्री शपथ नहीं ले लेते, तब तक वही कार्यवाहक सीएम के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।