पॉलिटिकल डेस्क
करीब दो साल पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। वीडियो था सैनिकों को मिलने वाले खाने का। अब वही जवान बनारस से मोदी के खिलाफ ताल ठोक सियासी हलके में हलचल मचा दिया है। उसे राजनीतिक दलों के साथ-साथ सेना के जवानों और जनता का उसे भरपूर सहयोग मिल रहा है। जवान के हौसले बुलंद है। बनारस से चुनाव लडऩे पर वह कहते हैं अब मैं सीधे प्रधानमंत्री के सामने सवाल पूछने आया हूं। मैं उनसे पूछूंगा कि 2014 में जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा किया है क्या?
2017 में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने जवानों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने फेसबुक के माध्यम से सवाल उठाया था। तेज बहादुर का यह वीडियो सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए काफी था, लेकिन उन्हें रोटी पर सवाल उठाना महंगा पड़ा और उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
कुछ दिनों बाद तेज बहादुर यादव का मामला दब गया, लेकिन अब राजनीति के मैदान में वह भी मोदी के खिलाफ आकर तेज बहादुर ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। बनारस का सियासी माहौल बदल गया है। जहां अभी तक कोई मुद्दा ही नहीं था अब वहां मुद्दों की भरमार है।
तेज को कांग्रेस का समर्थन मिला तो बदलेगा समीकरण
सपा-बसपा गठबंधन ने तेज बहादुर यादव पर दांव लगाकर बनारस की सियासत को रोचक कर दिया है। जब तक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तेज बहादुर मैदान में तब भी कोई खास चर्चा नहीं थी लेकिन 29 अप्रैल को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तेज बहादुर को सपा प्रत्याशी बनाकर बनारस का सियासी समीकरण बदल दिया।
तेज बहादुर यादव को आम आदमी पार्टी का समर्थन पहले से मिला हुआ है। यदि कांग्रेस समर्थन करती है तो बनारस में काफी रोचक चुनाव होगा। तेज बहादुर ने कांग्रेस को भी चिट्ठी लिखकर समर्थन मांगा है। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उनका समर्थन करेगी। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस से अजय राय मैदान में हैं। यदि वह तेज बहादुर को समर्थन करते हैं तो मोदी के ‘राष्ट्रवाद’ को निश्चित ही चुनौती मिलेगी।
पुलवामा पर सवाल करेेंगे तेज बहादुर
सपा का साथ पाकर तेज बहादुर के हौसले बुलंद है। वह सभी से सहयोग मांग रहे हैं। एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “वाराणसी आने का मेरा सबसे पहला मकसद है देश की सुरक्षा। वाराणसी की समस्याएं तो मेरा मुद्दा रहेंगी ही लेकिन मैं देश के मुद्दों पर भी बात करूंगा। देश को जो बाकी मुद्दे हैं- सुरक्षा का मुद्दा है, रोजगार का मुद्दा है। उन पर भी बात होगी।”
पुलवामा पर हमला कैसे हो गया ?
तेज बहादुर कहते हैं कि मोदी ने बहुत सारे वादे किए थे। एक भी वादा उन्होंने पूरा किया नहीं। मैं प्रधानमंत्री के सामने सवाल पूछने आया हूं। मैं उनसे पूछूंगा कि 2014 में जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा किया है क्या? ”
पीएम मोदी अपने चुनावी रैलियों में दावा करते रहे हैं कि उनके कार्यकाल में देश की सुरक्षा मजबूत हुई है। इस पर सवाल उठाते हुए तेज बहादुर कहते हैं, “यदि ऐसा है तो फिर वो बताएं कि पुलवामा हमला कैसे हो गया। और उसकी जांच क्यों नहीं कराई गई?”