जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. हाथरस काण्ड ने जहाँ सरकार को कटघरे में खड़ा किया है वहीं जांच एजेंसियों ने हाथरस काण्ड के पीछे गहरी साज़िश की बात बताते हुए जातिगत दंगों, विदेशी फंडिंग और पीएफआई के दखल जैसे खुलासे किये हैं. कहा गया है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद का भी इसमें हाथ है. चंद्रशेखर आज़ाद ने इस इल्जाम के जवाब में सरकार पर पलटवार करते हुए किसी भी एजेंसी से जांच करा लेने की चुनौती दी है.
चंद्रशेखर आज़ाद ने योगी सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि भीम आर्मी और पीएफआई में साठगाँठ की खबरें भ्रामक हैं. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये की बात भी की गई है, मेरे पास एक लाख रुपये भी मिल जाएँ तो राजनीति छोड़ दूंगा. वर्ना आप मुख्यमंत्री का पद छोड़ दीजिये. चंद्रशेखर ने कहा है कि मेरा जीवन मेरे समाज को समर्पित है और मेरा समाज मेरा खर्च उठाता है.
मैं योगी आदित्यनाथ जी को चैलेंज करता हूँ कि कोई भी जांच करवा लें 100 करोड़ तो दूर की बात यदि मेरे पास एक लाख रुपये भी मिल जाये तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा वरना आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दीजिये। मेरा जीवन मेरे समाज को समर्पित है मेरा खर्च मेरा समाज उठाता है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 9, 2020
चन्द्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश में इन्साफ की आवाज़ को अन्तर्राष्ट्रीय साज़िश कहा जाता है. इससे पता चलता है कि दलितों के न्याय मांगने से योगी सरकार कितना डरती है. उनकी नजर में दलितों की ज़िन्दगी सस्ती है. चन्द्रशेखर ने आरोप लगाया क्योंकि हाथरस काण्ड के आरोपित योगी जी की जाति के हैं इसलिए उन्हें बचाया जा रहा है. उनको बचने के लिए हम पर आरोप लगाये जा रहे हैं.
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जांच एजेंसियों ने बताया था कि पापुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया और भीम आर्मी के लिंक मिले हैं. जानकारी मिली है कि सफदरजंग अस्पताल से पीड़िता के गाँव तक भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता मौजूद थे. भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं से ईडी पूछताछ कर सकती है. बताया गया है कि पीएफआई के चार सदस्य गिरफ्तार किये जा चुके हैं.